केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के जरिए RSS का एजेंडा थोप रही है: अखिलेश

punjabkesari.in Friday, Jul 31, 2020 - 11:03 AM (IST)

लखनऊः समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार पर नई शिक्षा नीति के जरिये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) का एजेण्डा थोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सामाजिक समरसता एवं सछ्वाव के मूल्यों एवं संविधान के सिद्धांतों को निरन्तर नष्ट कर रही है। यादव ने गुरूवार को जारी बयान में कहा कि केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति का उद्देश्य आरएसएस के एजेण्डा को लागू करना है।

इस एजेण्डा के मुताबिक नई पीढ़ी को ढालने की कोशिश में अब पाठ्यक्रम को भी एक विशेष रंग में प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में तो पूरी शैक्षिक व्यवस्था ही गड़बड़ है। यहां शैक्षिक समय सारिणी तक का पालन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सामाजिक समरसता एवं सछ्वाव के सांस्कृतिक मूल्यों एवं संविधान के सिद्धांतों को निरन्तर नष्ट कर रही हैं। उनसे स्वयं कोई शिक्षा नहीं ले रही है। वह शिक्षा नीति में कोई भी बदलाव कर ले या मंत्रालय का नाम बदल लें उससे कुछ होने वाला नहीं है। भाजपा बच्चों के भविष्य का राजनीतिकरण न करें। शिक्षा-व्यवस्था ऐसी हो, जिसमें उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।

यादव ने कहा कि भाजपा सरकार केन्द्र की हो या प्रदेश की बस नाम बदलने में विशेषज्ञता हासिल करके ही खुश है। काम करने की कोई जरूरत नहीं है। इस नाम बदल में भी उनकी कोई मौलिकता नहीं दिखती है। पहले की भी सरकारें ये खेल कर चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में तो भाजपा ने अब तक अपनी एक भी योजना नहीं लागू की। समाजवादी सरकार की योजनाओं पर ही अपना नाम चस्पा कर खुद की वाहवाही कर लेती है। भाजपा नेतृत्व के इस छल प्रपंच को जन साधारण के साथ भाजपा विधायक-सांसद जान गए हैं और वे भी अब विरोध में आवाज उठाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व के तमाम जनविरोधी कृत्यों से इस दल के सांसदों एवं विधायकों में भी असंतोष पनप रहा है। विधानसभा में तो 100 विधायक एक बार सामूहिक विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।

उन्नाव के सदर से विधायक ने सदर कोतवाली में पांच घंटे तक धरना दिया। विधायक ने कहा कि पुलिस कर्मी और सदर सीओ जनता को प्रताड़ित करते हैं और अभद्रता करते हैं। अपनी सरकार से ही परेशान विधायक की बात नहीं सुनी जाती। हरदोई के भाजपा विधायक अपनी सरकार के विरोध में आवाज उठा रहे है। भाजपा के सांसद भी अपनी मायूसी जता चुके हैं। भाजपा सरकार पर इस सबसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
 


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Tamanna Bhardwaj

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