बजट पर बाेले अखिलेश यादव- भाजपा के सभी बजट छल-कपट से भरे रहे

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 06:40 PM (IST)

लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के चौथे बजट के बाद प्रेस कांफ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद कर कहा कि आप समाजवादियों की बात सुनने के लिए इतनी संख्या में यहां मौजूद हैं जिसका हम तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।

अखिलेश यादव ने योगी सरकार के चौथे बजट पर बोलते हुए कहा कि चौथा बजट आखिरी बजट की तरह होता है। उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पहले एक्सप्रेस-वे, मेट्रो और लैपटाप के लिए जाना जाता था और अब गोली तथा बोली के लिए जाना जाता है। वहीं उन्होंने कहा कि बोली के लिए हम ज्यादा चर्चा नहीं करेंगे।

सरकार की पहली उपलब्धि गंगा मां को स्वच्छ रखना होता है। आज गंगा मां कितनी स्वच्छ हैं वह जमीन पर दिखाई दे रहा है। हर जगह खुले नाले चल रहे हैं जो गंगा में गिर रहे हैं। जब बजट भाषण चल रहा है तो पहेली लिखा है कि ‘गंगा भी यहां है यमुना भी यहां हैं’ लेकिन न गंगा साफ हुई हैं न यमुना साफ हुई हैं। गंगा तथा यमुना तब-तक साफ नहीं होंगी जब-तक भाजपा की नीयत साफ नहीं होगी।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मंच कितनी बार बड़े-बड़े वादे किए गए लेकिन यह साफ दिखाई दे रहा कि इसे वह कितना जमीन पर उतार पाई है। किसानों की आय 1 प्रतिशत भी नहीं बढ़ी है। भाजपा सरकार के अभी तक के चारो बजट छल-कपट से भरे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार का दावा रहा कि पहला बजट किसानों के लिए था, दूसरा बजट उद्दयोग व्यापारियों  के लिए था, तीसरा बजट महिलाओं के कल्याण के लिए था और चौथा बजट जो भाजपा दावा कर रही है कि ऊर्जा क्षेत्र तथा शिक्षा छेत्र को बेहतर बनाने के लिए है। सच्चाई तो यह है कि किसान, मजदूर, महिलाएं व्यापारी, मां गंगा तथा गाय के हितों में सरकार ने शून्य कार्य किया है।

इस दौरान सिक्योरिटी के मुद्दे पर भी अखिलेश का दर्द छलका। उन्होंने सवाल किया है कि सरकार ये बताए हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलआईयू का कोई अफसर कैसे आ सकता है? केवल हमारी एनएसजी (NSG) सुरक्षा को क्यों हटाया गया? साथ ही कहा कि मुझे सिक्योरिटी की जरूरत नहीं, मुझे साइकिल चलानी है और साइकिल बहुत तेज चलेगी।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ajay kumar

Recommended News

Related News

static