BJP के प्रशिक्षण शिविर पर अखिलेश ने कसा तंज, कहा- भ्रष्टाचार और धांधली छुपाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण

punjabkesari.in Saturday, Jul 30, 2022 - 09:53 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चित्रकूट मे चल रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रशिक्षण शिविर पर तंज करते हुए शनिवार को कहा कि इस शिविर में संभवत: भ्रष्टाचार और धांधली को छुपाने और महंगाई पर बहाने बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।


 

यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा के प्रशिक्षण शिविर का जिक्र करते हुए ट्वीट में कहा, ‘‘सुना है चित्रकूट में भाजपा का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। शायद इसमें भ्रष्टाचार एवं तबादला-पदस्थापन की धाँधली को छुपाने, रूठों को मनाने, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं, टूटते बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और महंगाई पर बहाने बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे भाजपाई जनता का सामना तो कर सकें।''

गौरतलब है कि चित्रकूट में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन और तैयारियों के लिए पार्टी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को चित्रकूट में शुरू हुआ। इस प्रशिक्षण शिविर में पार्टी संगठन के शीर्ष नेता, केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री शामिल हो रहे हैं।

 

 


सपा अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में प्रतापगढ़ के सण्डवा चंडिका विकास खंड स्थित एक कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय में भरे बारिश के पानी में कुछ बच्चों के खेलने कूदने का वीडियो साझा करते हुए कहा , ‘‘भाजपा अपने चिंतन शिविर में इस विद्यालय की दुर्दशा पर भी चिंतन अवश्य करे।'' यादव ने एक बयान में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर भाजपा राज में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस 'जीरो टालरेंस' की दुहाई देते नहीं थकते हैं वह सिर्फ एक जुमला बनकर रह गया है।

उन्होंने कहा,‘‘प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जुलाई महीने की रिपोर्ट बताती है कि गंगा सफाई के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार पनप रहा है। गंगा सफाई को आस्था का विषय बताने वाली भाजपा ने मां गंगा को भी धोखा दिया है। कानपुर में 800 करोड़ रूपए खर्च करने पर भी गंगा में कई जगह आक्सीजन की मात्रा घातकस्तर तक कम हो गई है। टेनरी और सीवरेज का कचरा नालों के जरिए सीधे गंगा नदी में गिर रहा है।'' यादव ने कहा कि सच तो यह है कि जब सत्ता, शासन-प्रशासन ही पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जल निगमों से क्या उम्मीद की जाए।

 


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Mamta Yadav

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