लखनऊ-दिल्ली में सब ठीक नहीं: अखिलेश ने BJP पर साधा निशाना- ‘रिंग से वही पहलवान भागता, जिसे हारने का डर’
punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2024 - 08:06 PM (IST)
Ghaziabad News, (संजय मित्तल): उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में कैंपेन की शुरुआत अखिलेश यादव ने गाजियाबाद से की। DGP चयन की पॉलिसी बदलने के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि जिनको खुद का भविष्य नहीं पता है, वो दो साल के नियम बना रहे हैं। ऐसा इसलिए कर रहे हैं, जिससे बेईमानी-अन्याय किया जा सके।
खुद का भविष्य नहीं पता कि वह 2 साल चलेंगे या नहीं...
बता दें कि मंलगवार को गाजियाबाद में सपा उम्मीदवार सिंहराज जाटव के समर्थन में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह जो 2 साल का नियम बना है यह साबित कर रहा है कि दिल्ली और लखनऊ में सब ठीक नहीं है। इस प्रदेश ने जो डीजीपी दिए हैं जो नई परंपरा शुरू की कार्यवाहक की आप देख लीजिए 50 पायदान है। वह अधिकारी कितने निराश हैं कितना ही मन दुखी है उन्हें मौका नहीं मिला काम करने का। कितने आईपीएस है जिन्हें मौका नहीं मिला और अपने खासम खास को अपने पक्के को बिठाने के लिए जिससे कि बेईमानी की जा सके, अन्यान्य किया जा सके जिससे कानून की धज्जियां उड़ाई जा सके इसलिए सरकार अपना ऐसा फैसला करना चाहती है। नियम बनाना चाहती है कि उन्हीं का कोई ना कोई बैठ जाए। जिनको खुद का अपना भविष्य नहीं पता कि वह 2 साल चलेंगे या नहीं चलेंगे, वह 2 साल के नियम बना रहे हैं।
मदरसा फैसले पर बोले अखिलेश
सुप्रीम कोर्ट की फटकार कोई नई नहीं है। अब तक जो कार्यकाल देखेंगे सबसे ज्यादा हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट की फटकार किसी को मिली है तो उत्तर प्रदेश सरकार को मिली है। समय-समय पर उत्तर प्रदेश सरकार ने आसंवैधानिक काम किया है जिसका परिणाम यह है कि हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट सचेत करता है। हमें पूरा भरोसा है जितने भी असवैधानिक फैसले लिए हैं वह सब खत्म होने चाहिए।
बटेंगे तो कटेंगे
अंग्रेजों ने डिवाइड एंड रूल नारा दिया था लेकिन अपने वंशज छोड़ गए। यह वचन वंशी लोग हैं इसीलिए इन्होंने इस तरह का नारा दिया था। भारत और खास तौर से उत्तर प्रदेश का समाज कभी ऐसे नारो को स्वीकार नहीं कर सकता।
पत्रकार को जेल भेजा जा रहा और वकीलों पर लाठी चार्ज
गाजियाबाद शुरुआत है मैं तो चाहता हूं दिल्ली से बेहतर गाजियाबाद बने इसका प्रयास हमने अपनी सरकार में किया। आप देखोगे नेताजी ने किया या पुराने कांग्रेस ने किया। पत्रकारों को जिस तरीके से अपमानित होना पड़ रहा है अगर आप सच दिखने लगेंग आप भी जेल चले जाओगे। पत्रकारों को दबाव में काम करना पड़ रहा है निष्पक्ष काम करने पर नंगा कर दिया जाता है। कोर्ट में अधिवक्ताओं के साथ पुलिस को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए था पुलिस ने अपना गुस्सा क्यों उतारा किसका गुस्सा उतारा जा रहा है जिससे वकीलों को अपमानित होना पड़ रहा है।
उपचुनाव की तारीख क्यों बदली?
अखिलेश ने कहा कि उपचुनाव की तारीख इसलिए बदली कि भारतीय जनता पार्टी को भनक पड़ गई कि जो लोग छुट्टी लेकर आए हैं दिवाली और छठ की वह इतनी छुट्टी लेकर आए हैं कि वह वोट डालकर जाएंगे इसीलिए इन्होंने हार के डर से तारीख बदल दी। यूपी से जो संदेश जाएगा कहीं उस महाराष्ट्र का चुनाव ना बिगड़ जाए। भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार रही है इसलिए चुनाव टाल रही है। रिंग से बाहर कौन सा पहलवान भागता है जो हारता है। इसीलिए कभी अयोध्या का चुनाव टाला इसीलिए तारीख बदल दी। बीजेपी की खास तैयारी पुलिस को आगे करके है। मुख्यमंत्री कहते हैं मैं रामपुर बना दूंगा। इसका मतलब यह है कि मैं वोट नहीं डालने दूंगा। उपचुनाव में हमारी रणनीति साफ है बूथ पर काम कीजिए। हर व्यक्ति परेशान है व्यापारी जीएसटी से गरीब मंगाई से परेशान है। 9 में 9 जीतेंगे हम जो परिवारवाद का आरोप लगाते थे वह रिश्तेदारी में फंस गए अब तक की सबसे बड़ी जीत और सबसे बड़ी हार करहल में होगी।