राहुल गांधी की नागरिकता पर उठे सवाल, इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी अहम सुनवाई
punjabkesari.in Monday, Mar 24, 2025 - 08:07 AM (IST)

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज यानी सोमवार (24 मार्च) को नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़े मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई होने जा रही है। इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को 19 दिसंबर को निर्देश दिया था कि वह अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा 24 मार्च तक पेश करे। आज (24 मार्च) केंद्र सरकार इस मामले पर अपना जवाब दाखिल करेगी।
क्या है याचिका का मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, याचिका में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है। यह मामला कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर द्वारा दायर किया गया है। याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता की CBI जांच की भी मांग की है। उनका कहना है कि राहुल गांधी भारत के बजाय ब्रिटेन के नागरिक हैं, इसलिए वह संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) के तहत चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं।
जानिए, क्या था पिछला घटनाक्रम?
बताया जा रहा है कि 2023 में जुलाई में, हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के सांसद के रूप में चुनाव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को याचिकाकर्ता द्वारा वापस लेने के बाद खारिज कर दिया था। इसके अलावा, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इसी मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर स्पष्टता मिलने के बाद ही इस मामले की सुनवाई करेगी।
याचिका का आधार
1 जुलाई 2024 को कर्नाटक के वकील एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें राहुल गांधी पर ब्रिटिश नागरिकता का आरोप लगाया गया। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का भी हवाला दिया। उन्होंने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9 (2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की है। उनका तर्क है कि केवल भारतीय नागरिक ही लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
क्या होगा यदि दोहरी नागरिकता साबित होती है?
यदि राहुल गांधी दोहरी नागरिकता के मामले में दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9(2) के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उनके खिलाफ नागरिकता छिपाने और गलत जानकारी देने का मामला दर्ज किया जाएगा। नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने पर व्यक्ति को 5 साल की सजा हो सकती है, या 50,000 रुपये का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। इसके अलावा, उनकी भारतीय नागरिकता भी रद्द की जा सकती है। इस मामले की सुनवाई से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आज उच्च न्यायालय में चर्चा होगी।