अमर सिंह ने अमिताभ से मांगी माफी, कहा- ''अपने बयान को लेकर पछतावा है''

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 05:11 PM (IST)

यूपी डेस्कः ‘अब मैं जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा हूं तब मुझे अपने बयान को लेकर पछतावा है...यह भावुक सा वाक्य राज्यसभा सांसद व अमिताभ के मित्र रह चुके अमर सिंह का है। वीडियो जारी करते हुए अमर सिंह ने बच्चन परिवार और अमिताभ बच्चन से माफी मांगा साथ ही कहा कि इतनी तल्खी के बावजूद यदि अमिताभ बच्चन उन्हें जन्मदिवस पर, उनके पिता की पुण्यतिथि पर मैसेज करते हैं मुझे अपने बयान पर खेद प्रकट कर देना चाहिए।

सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती हैं अमर सिंह
बता दें कि सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती अमर सिंह का इलाज चल रहा है। अस्पताल के बेड से ही उन्होंने वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा, 'आज के दिन मेरे पिताजी का स्वर्गवास हुआ था। इस तारीख पर पिछले एक दशक से अमिताभ बच्चन जी मेरे पिता जी की श्रद्धा में संदेश भेजते हैं। जब दो व्यक्तियों में बहुत अटूट स्नेह होता है और उसमें कम या अधिक अपेक्षा या उपेक्षाए होती हैं तब उन संबंधों में बहुत उबाल व उग्र प्रतिक्रिया आती है। संबंध जितना अधिक निकट होता है उसके टूट की चुभन भी उतनी तेज होती है।

अमिताभ लगातार अनेक अवसरों पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे हैं
पूर्व सपा नेता ने कहा, 'सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से मैं बच्चन परिवार से न केवल अलग रहा बल्कि मैंने ये भी प्रयत्न किया कि उनके दिल में मेरे लिए नफरत हो। मगर आज फिर अमिताभ बच्चनजी ने मेरे पिताजी का सुमिरन किया। तो मुझे ऐसा लगा कि, इसी सिंगापुर में गुर्दे की बीमारी के लिए मैं और अमित जी दो महीने तक साथ रहे और उसके बाद हमारा और उनका साथ छूट सा गया। 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी निरंतरता में कोई बाधा नहीं आई। वे लगातार अनेक अवसरों पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे।' ईश्वर  बच्चन परिवार के सभी सदस्यों को आशीर्वाद दे।

मैंने अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखाई
बच्चन परिवार से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मैंने अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखाई। मैं जिंदगी और मौत की चुनौती से गुजर रहा हूं। मुझे लगता है कि सार्वजनिक रूप से, वे उम्र में मुझसे बड़े हैं उनके प्रति नरमी रखनी चाहिए थी। जो कटु वचन मैंने बोले हैं उनके लिए खेद भी प्रकट कर देना चाहिए। मेरे मन में कटुता और नफरत से ज्यादा उनके व्यवहार के प्रति निराशा रही लेकिन उनके मन में न तो निराशा है और न ही कटुता।

 


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Ajay kumar

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