एक और हादसे को दिया जा रहा न्यौता, गंगा स्नान करने वाले हो सकते हैं गहराई के शिकार

punjabkesari.in Thursday, May 17, 2018 - 05:16 PM (IST)

फर्रुखाबादः फर्रुखाबाद जिले में नमामि गंगे समग्र योजना के अंतर्गत घाटों का विकास कार्य कराया जा रहा है। उसके लिए जो बालू का प्रयोग किया गया है, वह गंगा की मुख्य धारा से लिफ्टर मशीन से निकाली गई है जबकि हाईकोर्ट ने उस मशीन पर रोक लगा रखी थी। फिर भी कोर्ट के आदेश को ताख में रखकर कार्य किया गया। इस कार्य में बच्चों को भी लगाया गया है। जब से घाट का सुंदरीकरण शुरू हुआ तब से अबतक लगभग एक दर्जन से अधिक लोग डूब चुके हैं। जिनमें 5 लोगों की मौत हो चुकी है। 
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बता दें कि 24 तारीख को होने वाले गंगा दशहरा में आस पास के जिलों से लगभग चार से पांच लाख लोग गंगा स्नान करने पांचाल घाट पर आते हैं। यदि गंगा घाटों पर उनकी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए तो बहुत बड़े हादसे हो सकते हैं, क्योंकि जिस स्थान से बालू निकाली गई वहां पर काफी गहराई है। स्नान करते समय लोग गहराई में चले जाते हैं और डूबने लगते हैं। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए।

स्थानीय लोगों ने बताया कि गंगा में मशीनों से बालू निकालना आम जन मानस की जिन्दगी से खिलवाड़ करना है। यदि रस्सी से बैरिकेटिंग नहीं कराई गई तो गंगा स्नान करने वाले जरूर उस गहराई के शिकार हो जायेंगे। गंगा से सम्बंधित 12 मांगो को लेकर नमामि गंगे समिति के जिला प्रभारी रवि मिश्रा ने लगभग आधा दर्जन समाज सेवी संगठनों के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
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जिसमें उन्होंने मांग की है कि गंगा में गिरने वाले नाले तत्काल बन्द किए जाएं, गंगा घाटों पर सफाई कर्मचारियों की तैनाती कराई जाए। पुल के ऊपर जाली लगाई जाए जिससे कोई भी गंदगी गंगा में न डाल सके। ठेकेदारों द्वारा गंगा की मुख्य धारा से निकाली गई बालू पर कार्रवाई की जाए। 


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Ruby

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