ट्विन टावर गिरते ही हर तरफ छाई धूल! किया कुदरती बारिश ने वो काम जो लाखों लीटर पानी भी न कर सका

punjabkesari.in Tuesday, Aug 30, 2022 - 04:04 PM (IST)

नोएडा: 28 अगस्त में ट्विन टावर को ब्लास्ट से ध्वस्त कर दिया था। ट्विन टावर के गिरते ही चारों ओर धूल छा गई थी। जिससे पेड़-पौधों तक पर धूल की मोटी परत जम गई थी। हवा के चलते धूल ज्यादा उड़ रही थी। टावर गिरने से पहले नोएडा के सेक्टर-93 ए में हवा में पीएम 2.5 (PM 2.5) का लेवल 108 दर्ज किया गया था। जो टावर गिरते ही देर शाम तक 676 के बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था। ट्विन टावर के ध्वस्त होने के बाद वायु प्रदूषण अधिक बढ़ गया। इसको देखकर नोएडा अथॉरिटी और दूसरे इंतजामों से सोमवार शाम तक 50 लाख लीटर पानी का छिड़काव किया जा चुका था, लेकिन फिर भी वायु प्रदूषण से कोई   राहत नहीं मिल पा रही थी। वहीं, कल देर शाम हुई कुदरती बारिश ने वो काम कर दिया जो लाखों लीटर पानी का छिड़काव नहीं कर सका।

बता दें कि नोएडा में देर शाम हुई झमाझम बारिश से हर कोई खुश है। उन लोगों का खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है जो टावर गिरने के बाद से लोगों को वायु प्रदूषण से बचाने में जुटे हुए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर प्रवीन कुमार ने बताया कि बीते 24 घंटे के आंकड़े कुछ ही देर में आ जाएंगे। बाकी अगर बारिश के बाद मौसम को देखते हुए बात करें तो कल रात से बहुत राहत मिली है। खासतौर पर वायु प्रदूषण फैलाने वाले पीएम 2.5 और 10 में भी कमी महसूस हो रही है। अब टावर गिरने के बाद उठी धूल को काबू में लाने के लिए शायद उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी जितनी सोमवार को बारिश से पहले तक करनी पड़ रही थी।

दिल्‍ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के रेस्पिरेटरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता की मुताबिक ट्विन टावर ब्लास्ट के बाद वहां की हवा में सांस लेने पर लोगों को सांस संबंधी परेशानियां जैसे सांस फूलना, दम घुटना, सांस न ले पाना, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, त्वचा, कान, नाक, आंख में खुजली और जलन, अगर अस्थमैटिक हैं तो अस्थमा का अटैक आ सकता है।

डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि सांस नली में सूजन आ सकती है। फेफड़ों में लंबे समय के लिए परेशानी पैदा हो सकती है। इसी को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर की ओर से धूल पर काबू पाने के लिए कई तरह के इंतजाम करने के साथ ही सोमवार की शाम तक 50 लाख लीटर पानी का छिड़काव किया जा चुका था। नोएडा अथॉरिटी के अफसरों की मानें तो धूल से निपटने के लिए रविवार और सोमवार को दिनभर वाटर स्प्रिंकल, एंटी स्मॉग गन और पानी के टैंकरों से बौछारें की जा रहीं थी। धूल पर छिड़काव और पौधों की धुलाई का काम लगातार जारी था मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों और सफाई कर्मियों की मदद से सड़कों को लगातार साफ किया जा रहा था।

उन्होंने बताया कि इस काम के लिए 500 सफाईकर्मी और मजदूरों को तैनात किया गया था। 100 वाटर टैंकरों को काम पर लगाया गया था। रविवार को 350 टैंकर तो सोमवार को 150 टैंकर पानी छिड़का जा चुका था। एक टैंकर से एक बार में 10 हजार लीटर तक पानी छिड़का जा रहा था। इसके अलावा 22 एंटी स्मॉग गन 6 स्वीपिंग मशीनें भी इस काम में लगाई गईं थी।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

static