प्रयागराज पुलिस में बहुत गहरी हैं अतीक की जड़ेः 8 पुलिसकर्मी हटाये गए, कई निशाने पर
punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2023 - 07:25 PM (IST)

प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में इनामी शूटर्स तक पहुंचने में पुलिस और एसटीएफ की सक्रियता पर उसके अपने ही नाकामयाबी की इबारत लिख रहे हैं। जांच में यह सच सामने आने के बाद प्रयागराज में तैनात आठ पुलिसकर्मियों को फील्ड की ड्यूटी हटाकर दूरस्थ जिले में पुलिस की विभिन्न शाखाओं में भेजा गया है। इनके अलावा अभी कई और निशाने पर हैं। जल्दी ही उन्हें भी सख्त कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा। साथ ही विभागीय कार्रवाई के बाद उनकी बर्खास्तगी की भी सोची जा रही है।
पुलिस पहुंचने से पहले ठिकाना बदल लेते हैं अतीक के बेटे
इस सनसनीखेज वारदात के बाद पुलिस बल के लंबे फौजफाटे की लगातार सक्रियता के बाद भी माफिया अतीक के बेटे असद और अन्य शूटर्स तक पहुंच पाने में कामयाबी न मिल पाना पुलिस अफसरों की पेशानी पर बल ला दिया है। लोकेशन मिलने पर शूटर्स के ठिकाने पर पुलिस और कार्य कर रहे हैं। एसटीएफ की टीम पहुंच जा रही है, लेकिन उनके पहुंचने के पहले ही वह ठिकाना बदल दे रहे हैं। इससे परेशान हाल अफसरों ने इसकी गहराई से पड़ताल की तो सच सामने आया। सच यह कि प्रयागराज और उसके आस-पास जिलों के पुलिस बल में माफिया अतीक की जड़ें काफी गहरी हो गई हैं। बहुत सारे पुलिसकर्मी तो माफिया के पेड कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहे हैं। इसके चलते उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस की योजनाओं और एक्शन की जानकारी माफिया और उसके मददगारों तक पहुंच जा रही है। इस तथ्य के सामने आने के बाद पुलिस अफसर सख्त कार्रवाई का मन बना चुके हैं। इसी के तहत पहले चरण में इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक आठ पुलिसकर्मियों को प्रयागराज से बहुत दूर पोस्टिंग दी गई है। दरअसल, बीते कई वर्षों में यह पहली ऐसी घटना है, जिसने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस महकमे के लिए इसकी गंभीरता इस तरह भी समझी जा सकती है कि यह पहली ऐसी वारदात है, जिसमें एक ही घटना में शामिल पांच शूटर्स की गिरफ्तारी पर इनाम राशि पांच लाख तक बढ़ा दी गई है।
अतीक के लापता बेटों के मामले में फैसला सुरक्षित
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमेश पाल शूटआउट केस में नामजद अतीक अहमद के नाबालिग बेटों के कथित तौर पर लापता होने के मामले में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने दोनों बेटों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता ने उमेश पाल की हत्या के बाद से अपने दोनों नाबालिग बेटों के लापता होने की शिकायत दर्ज की थी।