उमेश हत्याकांड की प्लानिंग में अतीक की पत्नी शाइस्ता का भी हाथ, शूटर से बोली- फ्लैट में छोड़ देना फोन
punjabkesari.in Saturday, Mar 11, 2023 - 02:11 PM (IST)

प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। हत्याकांड से 5 दिन पहले का अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें पुलिस ने दावा किया है कि उमेश पाल हत्याकांड की प्लानिंग में मॉफिया डॉन अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का भी हाथ था। बाहुबली अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन के साथ सफेद शर्ट में चल रहा शार्प शूटर साबिर बताया जा रहा है। यह सीसीटीवी फुटेज 19 फरवरी का है।
पुलिस के मुताबिक, अशद ने पुलिस को गुमराह करने के लिए आईफोन लखनऊ के फ्लैट में छोड़ दिया था। उसके एटीएम कार्ड से लखनऊ में पैसे भी निकाले गए। पुलिस ने बताया कि जब उसके मोबाइल फोन की जांच की गई तो उसके मोबाइल फोन की लोकेशन लखनऊ के यूनिवर्सल अपार्टमेंट में मिली है। पुलिस ने शाइस्ता परवीन के मामले का एक खुलासा एक सीसीटीवी फुटेज के जरिए किया है।
सूत्रों के मुताबिक, इस वारदात की पूरी रणनीति तो अतीक और अशरफ ने जेल में ही बना ली थी, लेकिन फील्ड में इसे अंजाम देने से पहले लूज प्वाइंट जांचने के लिए शाइस्ता परवीन ने दोनों शूटर साबिर और बल्ली से मिलने पहुंची थी। वारदात के वक्त शाइस्ता मौके पर तो नहीं गई थी, लेकिन वह इस वारदात में शामिल अपने बेटे और अन्य बदमाशों के संपर्क में थी और पल पल की रिपोर्ट ले रही थी। यहां तक कि वारदात के बाद बदमाशों के फरार होने में भी शाइस्ता ने उन्हें मदद पहुंचाई। वारदात को अंजाम देने का समय निर्धारित होने के बाद शाइस्ता परवीन ने साबिर को बुलाया और खुद उसके साथ चलकर नींवा गांव में रहने वाले शूटर बल्ली उर्फ सुधांशु के घर गई।
24 फरवरी को प्रयागराज में की उमेश पाल की हत्या
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका परिवार सवालों के घेरे में आ गया था। उमेश पाल और उनके दो सशस्त्र सुरक्षा एस्कॉर्ट्स में से एक को 24 फरवरी को प्रयागराज के सुलेम सराय इलाके में गोली मार दी गई थी। उमेश और उनके बंदूकधारियों पर कई राउंड फायरिंग की गई और बम फेंके गए। माफिया अतीक अहमद जो 2005 की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है, गुजरात जेल में बंद है। उस पर हाल ही में 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया था। अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान नाम के दो आरोपी क्रमशः 27 फरवरी और 6 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे।