हाशिये पर सपा के कद्दावर नेता आजम-अब्दुल्ला की सियासत, पिता-पुत्र को सजा, मुकदमा के साथ चुनाव पर लगी रोक
punjabkesari.in Thursday, Feb 16, 2023 - 05:12 PM (IST)

रामपुरः उत्तर प्रदेश की मुस्लिम राजनीति के कद्दावर नेता कहे जाने वाले आजम खां कानूनी शिकंजे में ऐसे फंसे हैं कि सियासत के हाशिये पर आ गए हैं। तीन साल की सजा होने पर पहले खुद की विधायकी गंवा चुके आजम खां को अब एक और झटका लगा है जिसमें दो साल की सजा होने पर उनके बेटे अब्दुल्ला की स्वार क्षेत्र की विधायकी भी चली गई है। पिता- पुत्र पर अभी करीब डेढ़ सौ मुकदमों की तलवार लटकी है, इन मुकदमों में कई ऐसी संगीन धाराओं के केस भी हैं जिनमें आजीवन कारावास की सजा तक का प्राविधान है।
छह वर्ष तक चुनाव लड़ने पर भी रोक
पिता-पुत्र के अयोग्य ठहराए जाने से छह वर्ष तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग गई है, ऐसे में अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि उनकी राजनीतिक विरासत कौन संभालेगा। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और यूपी विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक रहे आजम खां का लंबा राजनीतिक सफर रहा है। 45 साल के सियासी सफर के दौरान आजम खां ने कई बार उतार चढाव देखे। लेकिन, बीते तीन सालों में आजम खां की मुश्किलें इस कद्र बढ़ती गई कि 45 साल का राजनीतिक सफर थम सा गया।
भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा
भड़काऊ भाषण मामले में कोर्ट ने 27 अक्टूबर को आजम खां को तीन साल की सजा सुनाई। 28 अक्टूबर को उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी थी। आजम खां रामपुर विधानसभा सीट से दसवीं बार चुनाव जीते थे लेकिन 13 फरवरी को मुरादाबाद के छजलैट प्रकरण में अजम खां के साथ उनके बेटे अब्दुला को भी दो साल की सजा सुनाई गई।
देश के इतिहास का पहला मामला
किसी पिता-पुत्र की विधानसभा सदस्यता इस तरह कोर्ट में सजा होने पर चले जाना देश का पहला केस होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सैयद एजाज अब्बास नकवी कहते हैं कि अब्दुल्ला की विधायकी दूसरी बार कानूनी शिकंजे में फंसने पर गई है। इस मामले में प्राविधान यह है कि सुप्रीम कोर्ट ही अगर इस मामले में अपील हो तो बरी करता है तभी अयोग्यता समाप्त हो सकती है। लेकिन इसके बाद सवाल यह भी है कि आजम खां और अब्दुल्ला पर दर्ज करीब 150 मामले और न्यायालय में विचाराधीन है।