जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर भावुक हुए आजम खान, कहा- अधिक से अधिक विद्यार्थी इसमें शिक्षा ग्रहण करें तभी इसके अस्तित्व को बचाया जा सकेगा
punjabkesari.in Tuesday, Apr 04, 2023 - 11:41 AM (IST)

रामपुरः समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान (Mohd Azam Khan) का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें उन्होंने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Mohammad Ali Jauhar University) की तालीम और तरबियत की दुहाई देते हुए लोगों से अपने बच्चों को इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए जरूरी है कि इसमें अधिक से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करें, तभी इसके अस्तित्व को बचाया जा सकेगा। वीडियो में आजम खान काफी भावुक नजर आए।
मेरी सारी जिंदगी एक आईने की तरह आपके सामने हैं- आजम खान
उन्होंने वीडियो में कहा कि 'मेरी सारी जिंदगी एक आईने की तरह आपके सामने हैं। इससे आप मेरे आने वाले कल का अंदाजा लगा सकते हैं। मुझ पर, मेरे अपनों पर बीते 4-5 सालों में जो हुआ है। वह किसी से छिपा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए हम कोशिश करें और तालीम हासिल करें।
आजम खान ने वीडियो में आगे कहा कि वह तमाम लोगों से जो ताकत में है, चाहे सियासी तौर पर या माली तौर पर। अफसर हों, रिटायर्ड हों, सर्विस में हों वह इरादा करें कि अगर मेरे जैसा कमजोर आदमी इतने बड़े मिशन को यहां तक पहुंचा सकता है। तो मेरे ही पड़ोस के जिले में न जाने कितने रईस रहते हैं। देश-प्रदेश में न जाने कितने दौलतमंद लोग रहते हैं। न जाने कितने ऐसे संगठन हैं, जिनके पास बहुत पैसा है। लेकिन, उनका सही इस्तेमाल नहीं है। यहां तक कि हमारे जकात के पैसे का भी सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
'इसे टूटने न दें...कोई दौलत, कोई ताकत शायद अब इसे उतना नहीं बचा सकती, जितना छात्र की तादाद इसे बचा सकती है'
उन्होंने कहा कि 'हम अपने दौलत या जकात का एक हिस्सा भी आने वाली नस्ल को पढ़ाने के लिए खर्च करें, तो बड़ी कोशिश होगी। इसी दौरान उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी के मौजूदा हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी बनाई है, स्कूल बनाए हैं। यह बात भी सही है कि उसके साथ बहुत बुरा सलूक हो रहा है। इसे हम कैसे बर्दाश्त कर रहे हैं, हमें कभी-कभी हैरत भी होती है। इसके बाद आखिर में उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह तालीम के साथ, तरबियत गाह भी है। यह आपकी आने वाली नस्लों के लिए सुनहरा मौका हैं। इसे टूटने न दें। कोई दौलत, कोई ताकत शायद अब इसे उतना नहीं बचा सकती, जितना छात्र की तादाद इसे बचा सकती है।