आजम खां ने सुनाया दिल का दर्द, बोले- जो मैंने सहा है, सुन नहीं सकोगे

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2019 - 01:35 PM (IST)

रामपुरः लगातार मुसीबतों में घिरे रहने वाले आजम खां का दर्द अब छुपाए नहीं छुपता है। दहाड़ कर बोलने वाले आजम अब मंच से बोलते वक्त सिसकियां भरते हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजम ने विरोधियों और प्रशासन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं बकरी चोर हूं, मुर्गी चोर हूं, भैंस चोर हूं? मैं चोर, मेरी बीबी, बेटा और मेरी नमाजी बहन डाकू. मेरी मरी हुई मां मुजरिम। यह है इंसाफ? हमारे साथ ऐसा इसलिए हो रहा है क्‍योंकि हम आपका सौदा नहीं कर सके।

जो मैंने सहा है, सुन नहीं सकोगे- आजम
इस दौरान आजम के आंसू छलक पड़े। अपने आप को संभालते हुए उन्होंने कहा कि जो दर्द उन्‍होंने सहा है ये उसके आंसू हैं। उन्होंने कहा, 'ये आंसू मेरी आंखों के उस दर्द के आंसू हैं, जो मैंने सहा है। सुन नहीं सकोगो। दास्तान कुछ ऐसी है जब बहादुर शाह जफर के तीन बच्चों के सर का नाश्ता चांदी के थाल में रखकर लाल दुशाला से ढक कर अंग्रेजों ने रंगून की जेल में भेजे थे। क्या चाहते हो? क्या वह अंजाम चाहते हो हमारा? हमारे लिए क्या रामपुर को रंगून बनाना चाहते हो? हमारी नस्ल के लिए क्या फैसला लिया है आपने? क्या इसी दिन के लिए तमाम जिंदगी की खुशियां छोड़कर तुम्हारी आजादी, तुम्हारी खुद्दारी, तुम्हारे वकार, तुम्हारी रोजी, तुम्हारी खुशहाली की लड़ाई लड़ी थी?'

'हमें बुजदिलों और कायरों का साथ नहीं चाहिए'
आजम खान ने एक बार फिर प्रशासन हमला बोलते हुए कहा, 'हमें बुजदिलों और कायरों का साथ नहीं चाहिए। हमें साथ चाहिए जिंदा लोगों का। हमें साथ चाहिए उनका जिन्होंने पार्लियामेंट के इलेक्शन में बहुत बेंत खाए हैं। उन्होंने कहा बहुत मारा है। अभी उतना नहीं मारा है, न जाने किस दिन से पिटाई शुरू होगी। अब तक मुसलमानों के घरों पर दबिशें थीं। मुसलमानों पर मुकदमे थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के मेरे मोहतरमा, हमें तो तुम कहते थे कि पाकिस्तान चले जाओ। हमारा स्थान कब्रिस्तान या पाकिस्तान, लेकिन मेरे हिंदू बच्चे कहां जाएंगे? जिनके घरों पर रात को दबिशें मार रहे हो।

मेरे हर एजेंट को धमकाया- सपा सांसद
सपा सांसद ने कहा कि मेरे हिंदू वर्कर कहां जाएंगे? कहां जाएंगे मेरे हिंदू साथी और याद रखना मेरे हर एजेंट को धमकाया है कि वह घर से नहीं निकलेगा। अगर नहीं निकलेगा तो न निकले, लेकिन याद रहे मशीन पर खुद-ब-खुद बटन दब जाएगा और यह कहेगा कि राम-कृष्ण तो नहीं आ सके, लेकिन राम को भी नहीं रोका जा सकता और कृष्ण को भी कैद नहीं किया जा सका। कंस के लिए कृष्ण जरूर आएंगे।




 


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Tamanna Bhardwaj

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