Bahraich Violence: बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा के तीन इनामी आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
punjabkesari.in Sunday, Dec 01, 2024 - 10:10 AM (IST)
बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महाराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान भड़की हिंसा में एक युवक की हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन फरार इनामी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, बहराइच जिले के हरदी थाना अंतर्गत महाराजगंज कस्बे में गत 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस में डीजे पर गाना बजाने को लेकर हुए बवाल के बीच गोली चलने से रेहुआ मंसूर गांव के निवासी रामगोपाल मिश्र (22) की मौत हो गई थी। इसके बाद महसी, महाराजगंज व बहराइच शहर में 13 व 14 अक्टूबर को सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी।
मामले में हो चुकी है 125 लोगों की गिरफ्तारियां
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि जुलूस के दौरान राम गोपाल मिश्र (22) नाम युवक की निर्मम हत्या के इनामी अभियुक्त सैफ अली खान को लखनऊ के विभूति खंड थाना अंतर्गत कमता से व 10-10 हजार के इनामी शोएब व जावेद खान को बहराइच के हरदी थाना अंतर्गत सोतिया भट्टा नहर पुलिया से गिरफ्तार कर न्यायालय के माध्यम से जेल भेजा गया है। पुलिस के अनुसार, रामगोपाल हत्याकांड में दर्ज मुकदमे में अभी तक एक दर्जन व महाराजगंज हिंसा में दर्ज कुल 15 मुकदमों में करीब 125 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
हिंसा के बाद से फरार थे आरोपी
पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि रामगोपाल मिश्र हत्याकांड तथा उसके बाद फैली साम्प्रदायिक हिंसा व अराजकता को लेकर पुलिस लगातार साक्ष्य एकत्र कर रही है। क्षेत्र की तमाम दुकानों व मकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त वीडियो साक्ष्य व अन्य तकनीकी व डिजिटल साक्ष्यों के माध्यम से घटनाओं में शामिल तमाम अभियुक्तों की पहचान की गई है व उनकी तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि आज पकड़े गए तीनों अभियुक्तों को काफी पहले पहचान लिया गया था, इनकी गिरफ्तारी पर नगद पुरस्कार रखा गया था। उप्र विशेष कार्य बल (एसटीएफ), हरदी थाना व बहराइच पुलिस की टीम ने संयुक्त प्रयास से इन अभियुक्तों को आज लखनऊ व बहराइच से गिरफ्तार किया है।
एक हजार से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ 15 मामले दर्ज
इसके पहले पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि पुलिस ने "बहराइच के महाराजगंज हिंसा से संबंधित घटनाओं के संबंध में करीब एक दर्जन नामजद व एक हजार से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल 15 मामले दर्ज किए हैं। वैज्ञानिक जांच और 1,000 से अधिक वीडियो फुटेज के विश्लेषण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विशेषज्ञों की ग्यारह सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया गया और एक अलग नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया था, नियंत्रण कक्ष अभी कार्यरत है, जांच व विवेचना जारी है।"