लखनऊ: प्रवासी मजदूरों की सेवा के बहाने पंचायत चुनाव पर भाजपा की नजर
punjabkesari.in Friday, May 22, 2020 - 07:31 PM (IST)
लखनऊ: लॉकडाउन के कारण मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में भाजपा सरकार पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए जनात को अपनी तरफ रिझाने की पूरी कोशिश कर रही है। बूथ अध्यक्षों से लेकर प्रभारियों तक को भाजपा के लिहाज से चुनावी जमीन को उपजाऊ बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बता दें कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पिछले दिनों मंडल अध्यक्षों तक से संवाद कर इस बारे में उन्हें निर्देश व सुझाव दिए। मंडलों तक चल रही बैठकों में भी यही मुद्दा प्रमुख रहा। उनसे कहा गया है कि वे सेवाकार्यों के साथ ही बूथ अध्यक्षों व बूथ कमेटियों के साथ बैठक कर पंचायत चुनाव के लिहाज से समीक्षा कर लें। यदि कहीं लोकसभा व विधानसभा चुनाव से भिन्न मतदान केंद्र हैं तो उसके लिए कमेटी गठित कर ली जाए।
प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार, मंडल अध्यक्षों तक चल रही ऑनलाइन बैठकों में मनरेगा में बजट बढ़ाने के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के घोषित पैकेज पर भी फोकस किया जा रहा है। लोगों को समझाया जा रहा है कि इससे गांवों और ग्रामीणों के आत्मनिर्भर बनने का रास्ता खुलेगा।
भाजपा ने कोरोना संकट के चलते गांव लौटे प्रवासी मजदूरों की लामबंदी पर भी नजर टिकाई है। उसे पता है कि प्रवासी मजदूर पंचायत चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसीलिए मंडल व बूथ अध्यक्षों से अपने-अपने गांव में लौटे प्रवासी मजदूरों के भोजन-पानी व रोजगार की चिंता करने को कहा गया है।