भाजपा-रालोद में अभी भी सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा है पेच, जानिए कितनी सीटें मांग रहे जयंत चौधरी
punjabkesari.in Monday, Feb 12, 2024 - 07:19 PM (IST)
लखनऊ: लोकसभा चुनाव की घोषणा के ठीक पहले उत्तर प्रदेश का राजनीतिक समीकरण बदल गया है। भाजपा-रालोद के गठबंधन तय है बस औपचारिक घोषणा ही शेष है। हालांकि इस समझौते के फार्मूले की तस्वीर पर अंतिम मुहर लगनी अभी बाकी है। उम्मीद है कि, सोमवार को चौ. अजित सिंह के जन्मदिन पर दोनों के बीच गठबंधन की निर्णायक तस्वीर सामने आएगी।
रालोद को लोकसभा की तीन से चार सीटें देने पर चल रहा मंथन
दरअसल, रालोद को उत्तर प्रदेश से लोकसभा की तीन से चार सीटें देने पर मंथन चल रहा है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने शीघ्र ही सब तय हो जाने की बात कही है। रालोद की चौ. चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग पूरी हो जाने के बाद अब राजनीतिक समीकरणों पर निर्णायक फैसला लिया जाना है। खबरों के मुताबिक रालोद ने मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, मथुरा, कैराना और अमरोहा की सीटें मांगी हैं। इन्हीं में से मेरठ और मुजफ्फनगर की सीट को लेकर बात अभी फाइनल नहीं हो सकती है। दोनों ही सीटें भाजपा के पास हैं। खासकर मुजफ्फरनगर को लेकर रालोद दबाव बना रही है।
सपा से अलग होने के सवाल पर क्या बोले जयंत चौधरी
गौरतलब है कि बीते दिनों समाजवादी पार्टी और रालोद के बीच सीट बंटवारा हो चुका था। दोनों पार्टियों ने बंटवारे पर सहमति भी जताई थी। सपा से सीट बंटवारे के बाद रालोद ने बीजेपी से नाता जोड़ लिया। जयंत से जब पूछा गया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ समझौते में क्या गलत हुआ तो उन्होंने कहा कि यह ‘आंतरिक मामला' है। उन्होंने कहा कि वह बाद में बताएंगे कि क्यों उनका रुख बदला। रालोद नेता ने कहा, ‘‘वे आंतरिक मामले हैं जो विश्वास आधारित हैं। अखिलेश जी और मेरे बीच जो भी चर्चा हुई उसे बाहर नहीं बताया जा सकता...जब हमारा गठबंधन तय हो जाएगा और उसकी घोषणा कर दी जाएगी तब मैं बता पाऊंगा कि क्यों मैंने अपना रुख बदला और आगे का कदम क्या है।''