डेंगू के रोकथाम के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने की समीक्षा बैठक, विभाग को दिए सख्त निर्देश

punjabkesari.in Sunday, Oct 23, 2022 - 02:15 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में बारिश थमने के बाद से ही डेंगू ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। लखनऊ सहित यूपी के कई जिलों में डेंगू एवं अन्य संचारी रोगों ने पैर पसार लिए है। इसी को देखते हुए यूपी के डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को विधानसभा ऑफिस में अधिकारियों के साथ बैठकर उन्होंने डेंगू एवं संचारी रोगों से निपटने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए है। साथ ही बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने राहत, बचाव जागरूकता व नियंत्रण के कार्यावन में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए।

वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश में डेंगू का संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसको लेकर आमजन को किसी भी प्रकार का पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी लोग डेंगू के बचाव हेतु जारी आवश्यक सावधानियां जैसे-पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना, मच्छरदानी का प्रयोग करना, अपने आसपास सफाई एवं जल जमाव न होने देना एवं मच्छर काटने से बचाव करना आदि का पालन करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष अब तक 4801 डेंगू के मरीज सूचित हुए हैं, जबकि गत वर्ष इस अवधि तक 17729 केस संसूचित हुए थे।

साथ ही उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू के उपचार हेतु पर्याप्त दवाइयां, बेड्स एवं आवश्यक अन्य संसाधन उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालयों में 5 से 10 बेड्स, जनपद स्तरीय चिकित्सालयों में न्यूनतम 10 से 30 बेड्स डेंगू रोगियों हेतु आरक्षित किए गये हैं। इसके साथ ही बड़े जनपदों तथा मेडिकल कालेज में भी अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था की गई है। डेंगू मरीजों के उपचार हेतु सभी चिकित्सालयों में आवश्यक दवाइयां, एलिजा विधि द्वारा डेंगू जांच हेतु पर्याप्त व्यवस्था के साथ-साथ जनपदों में रक्त तथा रक्त उत्पादों की पर्याप्त व्यवस्था है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सर्वोत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था बनाने के लिए जिन आवश्यक संसाधनों की आवश्यकता है, उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। चिकित्सालयों को अत्याधुनिक मशीनों और उपकरणों से लैस किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मुख्य चिकित्साधिकारी अपने जनपदों में चिकित्सालयों का नियमित निरीक्षण करें। मुख्य चिकित्साधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि निजी पैथोलॉजी लैब्स जांच के नाम पर मुनाफाखोरी न करने पायें। चिकित्सालयों में पर्चा काउन्टर पर किसी भी दशा में भीड़ न लगे।

वहीं, बैठक में राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रवीन्द्र कुमार, महानिदेशक एनएचएम अपर्णा यू एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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Content Editor

Harman Kaur

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