योगी कैबिनेट की बैठक संपन्न, इन सात प्रस्तावों पर लगी मुहर
punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2020 - 09:18 AM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2020-21 के लिये विधानसभा में पेश बजट को विकासोन्मुखी बताते हुये कहा कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की ओर अग्रसर करने में सहायक होगा। योगी ने यहां विधान सभा में वर्ष 2020-21 के लिये पेश बजट के बाद संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार द्वारा विधान सभा में पेश 2020-21 का बजट राज्य के अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।
पहली बार राज्य के मूल बजट ने पांंच लाख करोड़ रुपए की सीमा पार की है। यह बजट पांच लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख रुपए का है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की बनाने संकल्पना को मूर्त रूप देने के मद्देनजर यह बजट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की ओर अग्रसर करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब, मजदूर, किसान, महिला, नौजवान, व्यापारी समेत सभी तबके का ध्यान रखते हुए प्रदेश के समग्र विकास के लिये एक विकासोन्मुखी वित्त मंत्री ने बजट पेश किया है। इसके लिये वित्त मंत्री एवं उनकी टीम को बधाई। बजट में वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए राजकोषीय घाटे को एफ0आर0बी0एम0 की तीन प्रतिशत की सीमा के अन्तर्गत रखा गया है।
योगी ने कहा कि बजट मार्च, 2017 के पश्चात प्रदेश के विकास के विजन के अनुसार है। सरकार का वर्ष 2017-18 में पहला बजट किसानों को समर्पित था। वर्ष 2018-19 का दूसरा बजट औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए था। वर्ष 2019-20 का बजट महिलाओं सशक्तिकरण के माध्यम से समाज में उनके प्रति द्दष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन के लिए था। वर्ष 2020-21 का प्रस्तुत बजट युवाओं को समर्पित है। यह बजट राज्य के युवाओं के समग्र विकास तथा प्रदेश की सम्भावनाओं को देश व दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में युवाओं के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित की गईं हैं। प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवकों के लिए बजट में ‘मुख्यमंत्री शिक्षुता (अप्रेंटिसशिप)' योजना प्रस्तावित की गई है। इसके तहत युवा को विभिन्न उद्यमों से जोड़कर प्रशिक्षित किया जाएगा। इस दौरान उसे 2,500 रुपए प्रतिमाह की धनराशि प्रशिक्षण भत्ते के रूप में प्रदान की जाएगी। योगी ने कहा कि दूसरी योजना के तहत प्रत्येक जिले में युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिये ‘युवा हब' स्थापित किया जाएगा। यह हब युवाओं को परियोजना, परिकल्पना से लेकर एक वर्ष तक वित्तीय मदद के साथ संचालन में सहायता प्रदान करेगा। युवाओं का सपना साकार करने के लिए बजट में सात विश्वविद्यालयों की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। इससे प्रदेश को शिक्षा का केन्द्र बनाने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में 28 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए नियमावली गठित की है। सहारनपुर, आजमगढ़ व अलीगढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये बजट प्रस्तावित है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। 1947 से 2016 तक प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल कॉलेज थे। वर्तमान में 28 मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। सात मेडिकल कॉलेजों में इस वर्ष प्रवेश प्रारम्भ हो गया है। रायबरेली और गोरखपुर में निर्माणाधीन एम्स में ओ0पी0डी0 के साथ ही प्रवेश भी प्रारम्भ हो गया है। 21 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इनमें से सात निमार्णाधीन हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत बेटी के जन्म से लेकर टीकाकरण, विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश व उत्तीर्ण होने के पश्चात विभिन्न चरणों में कुल 15,000 रुपए की धनराशि प्रदान किए जाने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक सभी के पास आवास, वृद्धावस्था, निराश्रित महिला तथा दिव्यांगजन के लिए पेंशन के लिये बजट प्रस्तावित है। फसल बीमा योजना का लाभ पहली बार मूल किसान के साथ ही बटाईदार को सुलभ कराने के लिए व्यवस्था की गई है। किसानों को आधुनिकीकरण से जोड़ने के लिए भी व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निराश्रित गोवंश की समस्या के समाधान के लिए आश्रय स्थल के साथ ही गोवंश के भरण-पोषण एवं उन्नत नस्ल के विकास हेतु बजट की व्यवस्था प्रस्तावित है।
पुलिसकर्मियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बजट का प्रस्ताव किया गया है। श्रमिकों के बच्चों तथा अनाथ बच्चों के लिए कमिश्नरी स्तर पर 18 अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। इन विद्यालयों में विद्यार्थियों को उनकी प्रतिभा के अनुसार शिक्षित-प्रशिक्षित कर स्वावलम्बन की ओर अग्रसर किया जाएगा। उन्होंने कहाकि पहली बार अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के लिए प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रत्येक रविवार मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जा रहा है। इन मेलों में जांच, उपचार, दवाई आदि सहित सभी चिकित्सीय सुविधाएं सुलभ करायी जा रही हैं। आस्था को सम्मान देने के लिए भी प्रस्तुत बजट में व्यवस्था की गई है। इसके तहत आस्था के केन्द्रों का पर्यटन विकास कराया जाएगा। इससे सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।