इस चमत्कारी मंदिर की मिट्टी लगाने भर से दूर हो जाते हैं रोग, जानिए रहस्य

punjabkesari.in Sunday, Oct 25, 2020 - 02:00 PM (IST)

हमीरपुरः अक्सर आपने बहुत से देवी देवताओं के मंदिर देखे होंगे, जिनमें तरह-तरह के रूप में देवी देवताओं की मूर्तियां होती हैं, लेकिन किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है, जहां की मिट्टी लगाने से शरीर के सरे दर्द दूर हो जाते है। इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दुख दर्द दूर करने आते हैं।
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यह है हमीरपुर जिले के झलोखर गांव का प्राचीन मंदिर जो मां भुनेश्वरी के नाम ने जाना जाता है यह स्थान कभी बस्ती से सैकड़ों मील दूर हुआ करता था। लोगों का मानना है कि लगभग २०० वर्ष पूर्व एक नीम के पेड़ से मूर्ती निकली तो लोग इसे देखने के लिए दूर दूर से आए श्रद्धालो ने यहाँ की मिटटी को तिलक समझा कर लगाया तो शरीर के सरे दर्द दूर हो गए। इसके बाद से यह स्थान भुनेश्वरी  के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया। आज भी यहां बात रोग से पीड़ित श्रद्धालु गोद में बैठ कर आते है और एक मुटठी मिटटी शरीर पर लगते ही सरे दर्द दूर कर मां के दरवार से दौड़ते हुए जाते हैं। भुनेश्वरी मंदिर की मिटटी के जांच कई बार वैज्ञानिकों करनी चाही पर यह पता नहीं लगा सके कि इस मिटटी में कौन ऐसे तत्व हैं कि एक मुटठी मिटटी किस तरह शरीर पर लगते ही सारे दर्द खत्म कर देती है।

बता दें कि सैकड़ों वर्ष पूर्व यह मंदिर एक झाड़ी के तरह जंगल में था, जहां पर दूर गांव से एक गाय आती थी और उसका सारा दूध अपने आप यहां एक झाड़ी में निकल जाता था। गांववालों की नजर पड़ने पर इस झाड़ी को खोला गया तो यहां से एक मूर्ति मिली जिसे भुनेश्वरी के नाम से स्थापित कर दिया गया। एक बार एक बीमार श्रद्धालु देवी के लिए तालाब से कलसे में जल भरकर चढ़ाने आया तो कलश अचानक मूर्ति पर गिर गया। जिससे मूर्ति का सिर टूट कर अलग हो गया।

मंदिर के पुजारी और गांववालों की मानें तो पुजारी को माता रानी ने स्वप्न कहा कि मेरे ऊपर घी चढ़ाया जाए कुछ दिन धी चढ़ाने के बाद में मूर्ति से पानी निकलना बंद हो गया। इस मंदिर की एक और खास बात है कि जो भी श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं मंदिर के पास बने तालाब में नहाना होता है तालाब में नहाने से शरीर के सारे रोग दूर हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है भुनेश्वरी देवी के मंदिर में एक नीम का पेड़ है, जिससे एक सांग निकली हुई है। इसे भी कहा जाता है कि यह सांग कई वर्षों से बराबर बढ़ रही है। गांव वालों का मानना है कि पहले यह सांग कील जैसी दिखती थी और अब सांग का रूप ले चुकी है यह भी एक देवी के प्रताप का असर है।


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Tamanna Bhardwaj

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