जातीय भेदभाव से तंग आकर बस्ती के युवक ने बेंगलुरू में किया सुसाइड, बेबस पिता मांग रहा इंसाफ...सरकार से की ये मांग

punjabkesari.in Saturday, Jun 17, 2023 - 06:35 PM (IST)

Basti News (विवेक श्रीवास्तव): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बस्ती (Basti) जिले से शर्मसार कर देने वाला मामले सामने आया है। यहां के 35 वर्षीय विवेक राज (Vivek Raj) बेंगलुरू (Bengaluru) में जातीय भेद भाव (Racial discrimination) का शिकार हो गए। उनको मानसिक रूप से इतना प्रताणित किया गया की उन्होंने मौत को गले लगा लिया।
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जातीय भेदभाव में विवेक की बॉस समेत दो अन्य कर्मचारी शामिल
बता दें कि बीते 4 जून को यह घटना बैंगलोर में घटी थी, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बनी रही। विवेक राज बेंगलुरू की लाइफ स्टाइल कंपनी में काम करते थे। कंपनी से जो भी काम उनको मिलता था उसको परफेक्ट समय से पहले करके बॉस के टेबल पर रख देते थे। बस इसी वजह से विवेक राज को जातीय भेद भाव का शिकार होना पड़ा। विवेक राज एससी थे काम करने में जब अन्य कर्मियों से आगे निकल गए तो उनके साथ जातीय भेदभाव शुरू किया गया। उनके काम में कमी निकाली जाने लगी, जातीय भेदभाव में विवेक की बॉस मालती समेत दो अन्य कर्मचारी शामिल थे। जातीय भेदभाव का शिकार विवेक राज ने बेंगलुरू यूनिवर्सिटी से NIFT की डिग्री हासिल की। उसके बाद बैंगलोर में लाइफ स्टाइल कंपनी में जॉब शुरू किया, जहां पर जातीय भेदभाव की वजह से उन्होंने सुसाइड कर लिया।
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जातीय भेदभाव में घर का आखिरी चिराग बुझ गया: पिता
जातीय भेदभाव की वजह से सुसाइड करने वाले विवेक राज के 67 वर्षीय पिता राजकुमार बात करते करते भाउक हो गए।  उनकी आंखों में बेटे की मौत का दर्द आंसू की शक्ल में छलक पड़ा। उन्होंने कहा की मेरा बेटा बहुत होनहार था लेकिन जातीय भेद भाव की वजह से आज वो हमारे बीच में नहीं है। उन्होंने बताया की उनका बेटा अकेला था। वही घर का अखरी चिराग था, जो अब बुझ गया है। उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया है। उन्होंने समाज को भी इस के लिए जिम्मेदार बताया। उनका लड़का पढ़ा लिखा था, 18 लाख के पैकेज पर काम करता था, जिस कंपनी में वो काम करता था वहीं के पढ़े लिखे लोगों ने उनके बेटे को जातीय भेदभाव का शिकार बनाया, जिसकी वजह से आज उनका बेटा उनके बुढ़ापे का सहारा आज उनके बीच नहीं है।
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पिता ने समाज और सरकार से की ये मांग
विवेक के पिता ने बताया की विवेक की मां 19 साल पहले उनको छोड़ कर दुनियां से चली गई थी। अपने बेटे को मां और पिता दोनों की कमी कभी महसूस नहीं होने दी। उनका बेटा दिन भर ने 5 बार फोन कर हालचाल जानता था। जिस दिन बेटे ने सुसाइड किया उस दिन दो बार फोन कर उनका हालचाल जाना। बात करते समय उनका बेटा बिल्कुल नॉर्मल लग रहा था।  उन्होंने कहा की जातीय भेदभाव को रोकने के लिए समाज और सरकार को आगे आना चाहिए, जिससे आगे किसी परिवार को यह दुख सहन न करना पड़े। विवेक की मौत से उस के पिता राजकुमार सदमे में हैं। उन्होंने बेटे की मौत के बाद विवेक की बॉस मालती समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ धारा 3(1), एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।


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Content Writer

Mamta Yadav

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