परमाणु हथियारों से लैस हमारे दुश्मन, चीन सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौतीः गोरखपुर में बोले CDS जनरल अनिल चौहान
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 11:14 PM (IST)

Gorakhpur News: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को गोरखपुर में आयोजित एक राष्ट्रीय सुरक्षा सेमिनार के दौरान देश के समक्ष मौजूद सुरक्षा खतरों को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत को आज कई मोर्चों पर गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें चीन के साथ सीमा विवाद, पाकिस्तान द्वारा जारी छद्म युद्ध और परमाणु हथियारों से लैस दुश्मन सबसे अहम हैं। गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित सेमिनार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष महंत दिग्विजय नाथ और महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि पर किया जाता है।
बड़ी चुनौतियों की सूची गिनाई
जनरल चौहान ने कहा कि भारत के दोनों प्रमुख विरोधी – चीन और पाकिस्तान – परमाणु हथियारों से लैस हैं। ऐसे में पारंपरिक युद्ध की आशंका को कभी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “हमें हर स्थिति के लिए सैन्य रूप से तैयार रहना होगा, खासकर ऐसे समय में जब विरोधी परमाणु शक्ति संपन्न हैं।”
चीन और पाकिस्तान से चुनौती
सीडीएस ने चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव को "भारत की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती" बताया। वहीं पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित छद्म युद्ध और आतंकी गतिविधियाँ देश के लिए दूसरा बड़ा खतरा हैं। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की नीति भारत को ‘हजार जख्मों’ से घायल करने की है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
ऑपरेशन सिंदूर पर पहली प्रतिक्रिया
पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर पहली बार सार्वजनिक प्रतिक्रिया देते हुए सीडीएस ने कहा कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि सीमा पार आतंकवाद पर एक स्पष्ट संदेश देना था।
अन्य रणनीतिक चिंताएं
सीडीएस चौहान ने कहा कि भारत को आज इन खतरों से निपटना है-
क्षेत्रीय अस्थिरता: भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिरता के असर से देश को भी खतरा हो सकता है।
भविष्य की युद्ध प्रणाली: युद्ध केवल भूमि, जल और वायु तक सीमित नहीं रहेगा, अब अंतरिक्ष, साइबर और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डोमेन में भी तैयारी करनी होगी।
तकनीकी युद्ध: आधुनिक तकनीक भविष्य के युद्धों की दिशा तय करेगी, जिसमें हाईटेक हथियार और ड्रोन युद्ध शामिल हैं।
समापन में सीडीएस का संदेश: "भारत को बहुस्तरीय चुनौतियों का सामना है। हमें हर संभावित युद्धभूमि – पारंपरिक से लेकर साइबर और अंतरिक्ष तक – के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।"