International Women's Day पर सीएम योगी ने दी बधाई, कहा- 'हर बेटी, बहन और माँ को सबल एवं स्वावलंबी बनाने हेतु संकल्पित हों'
punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 10:04 AM (IST)

International Women's Day 2025: दुनियाभर में हर साल 8 मार्च का दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं के सम्मान में समर्पित है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' पर समस्त मातृशक्ति व प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई दी।
'सशक्तिकरण हेतु डबल इंजन सरकार पूर्णत: समर्पित है'
सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ''अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' की समस्त मातृशक्ति व प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! प्रदेश की नारी शक्ति के सम्मान, अधिकार, समानता एवं सशक्तिकरण हेतु डबल इंजन सरकार पूर्णत: समर्पित है। आइए, हर बेटी, हर बहन और हर माँ को सबल एवं स्वावलंबी बनाने हेतु संकल्पित हों।
'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' की समस्त मातृशक्ति व प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 8, 2025
प्रदेश की नारी शक्ति के सम्मान, अधिकार, समानता एवं सशक्तिकरण हेतु डबल इंजन सरकार पूर्णत: समर्पित है।
आइए, हर बेटी, हर बहन और हर माँ को सबल एवं स्वावलंबी बनाने हेतु संकल्पित हों। pic.twitter.com/Iy4HP6kNKy
क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस...
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक योगदान को पहचानना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 20वीं शताब्दी से हुई, जहां साल 1908 में, न्यूयॉर्क में 15,000 महिलाओं ने अपने काम में सुधार, कम काम के घंटे और मतदान अधिकारों की मांग को लेकर एक बड़ा प्रदर्शन किया। इसके बाद, साल 1911 में पहली बार डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में महिला दिवस मनाया गया। इसके बाद साल 1975 में, यूएन ने आधिकारिक रूप से इसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की, जिसके बाद से हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
International Women's Day 2025 Theme
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के मौके पर इस साल वुमन डे की थीम 'Accelerate Action' है, जिसका मतलब होता है 'कार्रवाई में तेजी'। यानी कि महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने और जागरुकता पैदा करने को लेकर अब कार्य की गति तेज करने की जरूरत है।