अब नहीं चलेगी कोचिंग सेंटर्स की मनमानी, फीस से लेकर गतिविधियों तक पर सरकार की सख्त निगरानी… SC में दाखिल हुआ हलफनामा
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 11:33 PM (IST)
UP Desk: देशभर के कोचिंग सेंटर्स पर अब सरकार की सख्त निगरानी रहेगी। छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि कोचिंग संस्थानों की परिभाषा, पंजीकरण, फीस, मानसिक स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे से जुड़ी गाइडलाइंस पहले ही जारी की जा चुकी हैं। सरकार ने बताया कि इन दिशानिर्देशों को और प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय कार्यबल (National Task Force – NTF) की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जो दिसंबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, राज्यों को दिए निर्देश
मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने कोर्ट को बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशा-निर्देशों से अवगत करा दिया गया है। जिला स्तर पर निगरानी समितियों का गठन भी शुरू कर दिया गया है ताकि कोचिंग सेंटर्स की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखी जा सके। गौरतलब है कि 27 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या से जुड़े मामलों पर कार्रवाई की रिपोर्ट 8 सप्ताह के भीतर देने को कहा था।
कोचिंग सेंटर्स के लिए तय किए गए नियम
- सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि पहले से लागू दिशानिर्देशों में निम्न प्रावधान शामिल हैं:-
- कोचिंग सेंटर्स की स्पष्ट परिभाषा और पंजीकरण प्रक्रिया
- फीस और रिफंड से संबंधित नियम
- संस्थानों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की रूपरेखा
- छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलर और मनोवैज्ञानिकों की नियुक्ति
- बैचों में भेदभाव या वर्गीकरण पर रोक
- रिकॉर्ड के सही रखरखाव और आचार संहिता का पालन
इसके साथ ही, केंद्र ने कहा कि कोचिंग सेंटर्स में शिकायत निवारण तंत्र, निगरानी व्यवस्था और अनुशासनहीनता पर दंड व पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया भी तय की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने सरकार को आदेश दिया था कि दो माह के भीतर सभी निजी कोचिंग सेंटर्स के लिए पंजीकरण और छात्र सुरक्षा मानदंडों को अधिसूचित किया जाए। कोर्ट ने कहा कि कोचिंग इंडस्ट्री में अनियमितताओं के कारण छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है, इसलिए इस क्षेत्र में सख्त नियमन आवश्यक है।
दिसंबर में पेश होगी NTF की फाइनल रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि NTF रिपोर्ट दिसंबर 2025 तक तैयार कर ली जाएगी। इस रिपोर्ट में छात्रों की आत्महत्या के सामाजिक, आर्थिक और मानसिक पहलुओं का विश्लेषण किया जा रहा है। रिपोर्ट में कोचिंग सेंटर्स में छात्रों की सुरक्षा, परामर्श, और तनाव प्रबंधन पर विस्तृत सिफारिशें दी जाएंगी।

