दरगाह आला हजरत में सूर्य नमस्कार पर छिड़ा विवाद, विश्व योग दिवस की तस्वीरें वायरल होने के बाद कई देशों के उलमा ने जताई नाराजगी
punjabkesari.in Wednesday, Jun 28, 2023 - 11:19 AM (IST)

बरेली: विश्व योग दिवस पर दरगाह आला हजरत स्थित मदरसा मंजर-ए-इस्लाम में सूर्य नमस्कार जैसी मुद्रा पर विवाद खड़ा हो गया है। कई देशों के उलमा की ओर से इस पर आपत्ति करने के बाद दरगाह में जवाबतलबी और सफाई का दौर शुरू हो गया है। दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां के सख्त नाराजगी जताए जाने के बाद मदरसे के वरिष्ठ शिक्षक मुफ्ती सलीम नूरी ने स्पष्टीकरण जारी कर दरगाह परिवार का बचाव किया है। उन्होंने सफाई दी है कि योग दिवस पर यह गलती मदरसा शिक्षकों की अज्ञानता की वजह से हुई।
गुंबद ए-आला हजरत के सामने योग की तस्वीरे हुईं वायरल
विश्व योग दिवस पर 21 जून को दरगाह में ही आला हजरत द्वारा स्थापित मदरसा मंजर-ए-इस्लाम में भी योग शिविर लगा था। गुंबद ए-आला हजरत के सामने योग की तस्वीरे वायरल हुईं तो देश-विदेश से उलमा की गुस्से भरी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। इसके बाद दरगाह परिवार में भी इस पर जबर्दस्त विवाद शुरू हो गया। कई दिन से चल रही गर्मागर्मी के बाद मुफ्ती सलीम नूरी को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा। इसमें कहा गया है कि मदरसा बोर्ड और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के आदेश पर मदरसे के हिंदी-अंग्रेजी विभाग के शिक्षकों ने योगाभ्यास कराया था। उन्हें और छात्रों को इस कार्यक्रम की वास्तविकता की जानकारी नहीं थी। इसी कारण गलती हुई।
गलती मदरसे के शिक्षक ने योग के संबंध में अज्ञानता के कारण की
मुफ्ती सलीम नूरी ने स्पष्टीकरण में इसे भी गलती माना है कि योगाभ्यास गुंबद-ए-आला के हजरत के नीचे हुआ। सूर्य नमस्कार जैसे आसन का भी जिक्र किया है जिसमें खड़े होकर अपना एक पैर दूसरे पैर के घुटने पर रखते हुए दोनों हाथों को जोड़कर सिर पर रखते हैं। उन्होंने कहा कि यह गलती मदरसे के शिक्षक ने योग के संबंध में अज्ञानता के कारण की। आमतौर पर इस्लामी विद्वानों और मदरसों के लोगों को योग के बारे में जानकारी नहीं है। इस गलती के लिए खानदान-ए-आला हजरत का कोई सदस्य जिम्मेदार नहीं है।