दिल्ली ब्लास्ट का सबसे बड़ा खुलासा: सुनहरी मस्जिद में 3 घंटे तक खड़ी रही ''मौत की i20'', निकलते ही 4 मिनट में तबाही से दहली राजधानी
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 06:58 AM (IST)
UP Desk: राजधानी दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच में अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अनुसार, जिस हुंडई i20 कार में धमाका हुआ, वह ब्लास्ट से पहले सुनहरी मस्जिद के पास करीब 3 घंटे तक पार्किंग में खड़ी थी।
कैसे हुआ ब्लास्ट?
जांच में पता चला है कि यह कार 10 नवंबर की दोपहर 3:19 बजे सुनहरी मस्जिद के पास पार्किंग में दाखिल हुई थी। शाम 6:48 बजे कार वहां से निकली, और सिर्फ 4 मिनट बाद, 6:52 बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग पर ट्रैफिक सिग्नल के पास इसमें जोरदार धमाका हो गया। विस्फोट इतना तेज था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई और लाल किला मेट्रो स्टेशन के कांच तक टूट गए। इस हादसे में 8 लोगों की मौत और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
किसकी थी कार?
धमाके में इस्तेमाल हुई i20 कार हरियाणा के गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में रजिस्टर्ड थी। कार का नंबर HR 26 7624 है। यह मोहम्मद सलमान नाम के व्यक्ति के नाम पर थी, जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस की जांच में पता चला है कि सलमान ने यह कार जम्मू-कश्मीर के तारिक नाम के व्यक्ति को बेच दी थी, जो पुलवामा का रहने वाला है। इस वजह से पुलवामा कनेक्शन की जांच भी शुरू कर दी गई है।
कार की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा
पुलिस के मुताबिक, यह कार कई बार खरीदी और बेची गई थी और इसमें फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को सामान्य हादसा नहीं मान रही हैं, क्योंकि इस कार का 15 सितंबर को फरीदाबाद में चालान भी कटा था। इसके अलावा, 9 नवंबर की रात को फरीदाबाद में पुलिस ने बड़ी मात्रा में खतरनाक केमिकल पकड़ा था, जिसका इस्तेमाल बम बनाने में किया जा सकता है।
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं तार
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि दिल्ली ब्लास्ट का संबंध फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल से है। कुछ दिन पहले, पुलिस ने 2,900 किलोग्राम IED बनाने वाला सामान, हथियार और गोलियां बरामद की थीं। यह नेटवर्क जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ था।
डॉक्टरों समेत 7 आतंकी गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मॉड्यूल से जुड़े 7 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं — डॉ. मुअजमिल अहमद गनई (फरीदाबाद से), डॉ. आदिल (कुलगाम निवासी)। बाकी पांच आरोपी हैं — आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद (श्रीनगर), मौलवी इरफान अहमद (शोपियां), और जमीर अहमद अहांगर (गंदरबल)।
डॉक्टर के घर से मिला भारी विस्फोटक
फरीदाबाद में गिरफ्तार डॉक्टर मुअजमिल के घर से पुलिस को 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, AK-56 राइफल, AK Krinkov, बरेटा पिस्टल, चीनी स्टार पिस्टल और सैकड़ों कारतूस मिले हैं। पुलिस के मुताबिक, ये लोग व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का हिस्सा थे — यानी ऐसे पढ़े-लिखे प्रोफेशनल जो आतंकवाद को तकनीकी और आर्थिक मदद दे रहे थे।
जांच जारी
क्योंकि ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई कार पुलवामा के तारिक की थी, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मामले की हर एंगल से जांच कर रही हैं। फिलहाल, दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य एजेंसियां मिलकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का सीधा कनेक्शन इस ब्लास्ट से है।

