देवरिया मेडिकल कॉलेज की पानी टंकी में मिली लाश की गुत्थी उलझी: महाराष्ट्र के अशोक गावंडे की हुई शिनाख्त, हत्या या आत्महत्या?
punjabkesari.in Friday, Oct 10, 2025 - 02:22 PM (IST)

Deoria News: उत्तर प्रदेश में देवरिया जिले के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में मिली एक लाश ने जिला प्रशासन और पुलिस को हिला कर रख दिया है। 6 अक्टूबर को जब कॉलेज की बिल्डिंग में पानी से दुर्गंध आने लगी, तो सफाई कर्मियों ने पांचवीं मंज़िल पर बनी सीमेंटेड टंकी की सफाई शुरू की। लेकिन जैसे ही टंकी का ढक्कन खोला गया, उसमें एक सड़ी-गली लाश तैरती हुई मिली।
शव की पहचान हुई, मुंबई निवासी थे अशोक गावंडे
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक का नाम अशोक गावंडे (61 वर्ष) है, जो महाराष्ट्र के थाणे जिले के अंबरनाथ क्षेत्र के निवासी थे। उनकी पहचान पत्नी अनीता गावंडे ने तस्वीर देखकर की। बताया जा रहा है कि अशोक गावंडे पिछले चार साल से पत्नी से अलग रह रहे थे और मानसिक बीमारी के चलते कुछ समय पहले मुंबई के एक अस्पताल में 4 महीने तक इलाज भी चला था।
108 एम्बुलेंस से अस्पताल पहुचे, फिर रहस्यमयी ढंग से हुए लापता
पुलिस के मुताबिक 27 सितंबर को 108 नंबर एम्बुलेंस अशोक गावंडे को इमरजेंसी में मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची थी। उनके पैर में चोट थी। अस्पताल के रजिस्टर में उनका नाम दर्ज है। लेकिन इसके बाद वे अचानक अस्पताल से गायब हो गए। अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी थी कि मरीज के लापता होने की स्थिति में पुलिस को सूचित किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह एक गंभीर लापरवाही का मामला बनता है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
6 अक्टूबर को शव मिलने के बाद डीएम दिव्या मित्तल ने मौके का निरीक्षण किया और कई गंभीर चूकें सामने आईं
- पानी टंकी तक जाने वाले दरवाजे पर ताला नहीं था।
- दरवाजे की कुंडी टूटी हुई थी।
- ऊपर जाने वाली सीढ़ियों पर कोई CCTV कैमरा नहीं लगा था।
इससे साफ है कि कोई भी व्यक्ति बिना रोक-टोक के पांचवीं मंज़िल तक जा सकता था, जो किसी भी अस्पताल के लिए खतरनाक स्थिति है।
हत्या या आत्महत्या? पुलिस जांच में जुटी
फिलहाल पुलिस इसे हत्या और आत्महत्या के दोनों एंगल से देख रही है। कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं:
- 108 एम्बुलेंस को कॉल किसने किया? क्या अशोक ने खुद कॉल की या कोई और था?
- अगर वे मानसिक रूप से अस्वस्थ थे, तो क्या यह आत्महत्या का मामला हो सकता है?
- क्या उन्हें जानबूझकर टंकी तक पहुंचाया गया और मार दिया गया?
- अस्पताल प्रशासन ने जब मरीज लापता पाया, तब कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
बताया जा रहा है कि पुलिस की टीमें मुम्बई और गोरखपुर भेजी गई हैं ताकि अशोक के अतीत और संपर्कों की गहराई से जांच की जा सके। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच से इस रहस्य पर कुछ रोशनी पड़ सकती है।