गजबः बिना लगाये ही सरपट भाग रहे बिजली के मीटर, बता रहे लाखों की रीडिंग

punjabkesari.in Tuesday, Nov 03, 2020 - 08:08 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों के बीच राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मंगलवार को एक बड़ा खुलासा किया है। परिषद ने दावा किया कि सौभाग्य योजना के लिये खरीदे गये मीटर, घरों में लगाये जाने से पहले ही लाखों यूनिट बिजली की खपत बता रहे हैं।

परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने यहां एक बयान में कहा कि अभी तक उपभोक्ताओं के घर में लगने वाले इलेक्ट्रॉनिक तथा स्मार्ट मीटर में बिजली की खपत बहुत तेजी से दर्ज होने की शिकायत मिलती थी लेकिन इटावा जिले में बिजली विभाग की 'सौभाग्य योजना' के तहत घरों में लगाने के लिये मंगाये गये मीटर अपनी पैकिंग में पड़े-पड़े खुद-ब-खुद रीडिंग दर्ज कर रहे हैं। वर्मा ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से शिकायत की है, जिन्होंने मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

उन्होंने इटावा के सहायक विद्युत अभियंता का गत 15 अक्टूबर को अधीक्षण अभियंता को लिखा एक पत्र साझा किया। इस पत्र में कहा गया है कि सौभाग्य योजना के लिये एक निजी कम्पनी से खरीदे गये मीटरों में से छह की जांच में पाया गया है कि वे उपभोक्ता के घर में लगाये जाने से पहले ही 7948 से लेकर 8,41,502 यूनिट बिजली की खपत दिखा रहे हैं। सहायक अभियंता ने अपने पत्र में मीटर निर्माता कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वर्मा ने कहा कि यह अपने आप में बहुत गंभीर मामला है। सौभाग्य योजना के तहत कैसे वे मीटर खरीद लिए गये और उसका वेंडर अनुमोदन अभियंताओ द्वारा ही दिया गया है। अभी तो यह सिर्फ इटावा का मामला है। प्रदेश भर में न जाने ऐसे कितने मीटर की आपूर्ति की गयी होगी और कितने लगा दिये गये होंगे। इसका असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपभोक्ता के घर में लगने वाला मीटर रूपी तराजू संदेह के घेरे में है। जब तक मीटर निर्माता कम्पनियों के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाया जायेगा, यह खेल ऐसे ही चलता रहेगा।

 


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Moulshree Tripathi

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