बिजली कर्मचारी सोमवार से करेंगे राष्ट्रव्यापी कार्य का बहिष्कार

punjabkesari.in Sunday, Mar 27, 2022 - 04:22 PM (IST)

लखनऊ: विद्युत संशोधन विधेयक के विरोध में देश भर के बिजली कर्मचारी सोमवार से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार की शुरूआत करेंगे। उप्र विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने रविवार को कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की निजीकरण की नीतियों एवं इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मी देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मियों के साथ कल से दो दिन का कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करेंगे।

इस दौरान सभी जिला मुख्यालयों एवं परियोजनाओं व लखनऊ में मध्यांचल मुख्यालय पर विरोध सभा की जायेगी। संघर्ष समिति के वी पी सिंह,प्रभात सिंह ,जी वी पटेल समेत अन्य पदाधिकारियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण की द्दष्टि से इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद में पारित कराने जा रही है जिसका बिजली कर्मियों और बिजली उपभोक्ताओं पर व्यापक प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाला है। बिल पर बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं से कोई राय नहीं ली गई है केवल औद्योगिक घरानों से ही विचार विमर्श किया गया है। इस प्रकार केंद्र सरकार की इस एकतरफा कार्यवाही से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है।

बिजली कर्मियों की यह मांग है इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को जल्दबाजी में संसद से पारित कराने के बजाय इसे बिजली मामलों की लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए जिससे स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष बिजली कर्मी और उपभोक्ता अपना पक्ष रख सकें। उन्होने मांग की कि विद्युत वितरण क्षेत्र के निजीकरण के लिये जारी किये गए स्टैण्डडर् बिडिंग डॉक्यूमेंट तत्काल वापस लिया जाए, ग्रेटर नोएडा के निजीकरण और आगरा का फ्रेंचाइजी करार रद्द किया जाए, केरल के केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लिमिटेड की तरह उत्तर प्रदेश में भी सभी बिजली निगम का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाए, सभी बिजली कर्मियों को पुरानी पेंशन दी जाए। 


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Imran

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