डेढ़ साल से खड़ा है... हत्या के आरोप में कैद हाथी ‘मिठ्ठू’, पैरोल पर रिहाई की जगी उम्मीद

punjabkesari.in Sunday, May 16, 2021 - 01:56 PM (IST)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में करीब डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से बेड़ियों में जकड़े हाथी मिठ्ठू की पैरोल पर रिहाई की उम्मीद जाग गई है। ये पहल खुद वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने एक ट्वीट पर की है। तस्वीर में दिख रहे इस हाथी का नाम है मिठ्ठू है जिसपर पर 302 यानी हत्या का मुकदमा दर्ज है। मिठ्ठू बीते डेढ़ साल से ज्यादा समय से इसी तरह बेड़ियों में जकड़ा हुआ है।   

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जानकार और रामनगर वन्यजीव संरक्षण से जुड़े आसपास के लोग बताते हैं कि मिठ्ठू डेढ़ साल से खड़ा है, बैठा नहीं है। मिठ्ठू के इस दर्द को किसी ने ट्वीट के जरिए वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश तक पहुंचाया तो उन्होंने अपने पुराने परिचित और चिड़िया घर के डायरेक्टर रमेश पांडेय से बात कर पैरोल पर रिहा कराने की बात आगे बढ़ी और अब मिठ्ठू को जल्द रिहा होकर लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क भेजने की उम्मीद जगी है।

पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए जानकारी हुई कि चंदौली में पिछले साल की एक घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई थी। उस संबंध में एक बेजुबान जानवर हाथी को रामनगर वन्यजीव संरक्षण में रखा गया है। जानकारी ली गई कि पता चला कि व्यक्ति की जान चली गई। इसमे महावत को तो जमानत मिल गई है लेकिन इस बेजुबान जानवर को कोई राहत नहीं मिली है। इस संबंध में मैंने फॉरेस्ट सर्विस के अपने साथी रमेश पांडेय से संपर्क किया जो कि नई दिल्ली चिड़ियाघर के डायरेक्टर हैं। रमेश पांडेय ने दुधवा नेशनल पार्क के अधिकारियों से बात की। अभी लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू चल रहा है। जैसे ही हालात सामान्य होंगे, मुझे पूर्ण विश्वास है कि जंगली जानवरों के लिए संरक्षित स्थान दुधवा नेशनल पार्क के जंगल में उसे शिफ्ट किया जाएगा और जल्दी उसे इन हालातों से मुक्ति मिलेगी।

गौरतलब है कि घटना 20 अक्तूबर 2020 की है महावत रामनगर की रामलीला में आया था। लौट रहा था तो छेड़खानी से गुस्से में आए नर हाथी मिठ्ठू ने एक व्यक्ति को मार दिया। जिसके बाद से मिठ्ठू यहीं है। मिट्ठू ने चंदौली के बबुरी क्षेत्र में रमा शंकर सिंह नाम के व्यक्ति को कुचलकर मार डाला था। बताया जाता है कि उस वक्त महावत के साथ ही इस गजराज के ऊपर वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा चन्दौली के बबुरी थाने में लिखा गया था। महावत को अब बेल मिल गयी परंतु इस विशाल नर हाथी के मालिक को अब भी हाथी के बरी होने का इंतज़ार है, महावत का बेटा अपने इस हाथी से प्यार करता है। यही वजह है कि अपने गजराज की सेवा में दिन रात लगा रहता है।


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Content Writer

Umakant yadav

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