आजादी की लड़ाई के समय भी हिंदू मुस्लिम वैमनस्यता थी मगर बाबा साहब कहते थे- ''हम सबसे पहले भारतीय हैं''

punjabkesari.in Tuesday, Jun 29, 2021 - 04:06 PM (IST)

लखनऊः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज मंगलवार को लोकभवन में भारत रत्न डॉ आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखने के बाद आयोजित समारोह में समतामूलक समाज की स्थापना में बाबा साहब के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि ''बाबा साहब महिलाओं को समान अधिकार दिलाने के लिए सदैव सक्रिय रहे। अमेरिका में संविधान लागू होने के सौ वर्ष बाद महिलाओं को वोट के अधिकार दिए गए लेकिन भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू होने के बाद से ही महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला और इसका श्रेय बाबा साहब को जाता है।''

उन्होंने कहा कि ''बाबा साहब चाहते थे कि समानता के मूल अधिकार को संपत्ति के उत्तराधिकार तथा विवाह एवं जीवन के अन्य पक्षों से जुड़े मुद्दों पर भी एक अलग विधेयक द्वारा स्पष्ट कानूनी आधार दे दिया जाए और आज उनके द्वारा सुझाए गये रास्ते पर ही हमारी विधि व्यवस्था आगे बढ़ रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बाबा साहब की सोच अपने समय से भी आगे थी।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते यूपी कैबिनेट ने ऐशबाग में आंबेडकर स्मारक सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण के लिए राज्य के सांस्कृतिक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। स्मारक ऐशबाग ईदगाह के सामने 5493.52 वर्ग मीटर नजूल भूमि पर बनेगा और इसमें डॉ आंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा भी होगी। 45.04 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले स्मारक में 750 लोगों की क्षमता वाला एक सभागार, पुस्तकालय, अनुसंधान केंद्र, चित्र गैलरी, संग्रहालय, एक बहुउद्देश्यीय सम्मेलन केंद्र, कैफेटेरिया, छात्रावास और अन्य सुविधाएं भी होंगी। सांस्कृतिक विभाग जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर सकता है। कोविंद ने कहा, ''जिस समय आजादी की लड़ाई चल रही थी उस समय भी हिंदू मुस्लिम वैमनस्यता थी और उस समय भी बहुत से लोग सौहार्द की बात करते थे और कहते थे कि पहले हम भारतीय हैं और उसके बाद हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई, लेकिन बाबा साहब की सोच इससे ऊपर थी। बाबा साहब कहते थे हम पहले भारतीय है, बाद में भारतीय है और अंत में भी भारतीय हैं, अर्थात धर्म, जाति व संप्रदाय का कहीं स्थान नहीं है।''


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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