वायु प्रदूषण के लिए किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए: टिकैत

punjabkesari.in Tuesday, Nov 16, 2021 - 07:47 PM (IST)

गाजियाबाद: भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि वायु प्रदूषण के लिए या पराली जलाने को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शनों के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने प्रदूषण संकट के लिए किसान समुदाय को जिम्मेदार ठहराने वालों से माफीनामे की भी मांग की।

टिकैत ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के लिए किसानों को खलनायक बताने वालों को किसानों से माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि किसानों को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है, क्योंकि केवल 10 फीसदी प्रदूषण ही पराली से होता है और वह भी डेढ़ से दो महीने।'' टिकैत का बीकेयू , संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा है, जो नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। एसकेएम विवादित कृषि कानूनों की वापसी और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहा है। उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से दिल्ली एनसीआर में वायु की गुणवत्ता उस स्तर तक गिरती है, जो मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए पराली जलाए जाने, औद्योगिक और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और पटाखों जैसे अन्य कारणों को जिम्मेदार माना जाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Umakant yadav

Recommended News

Related News

static