फर्रुखाबाद: नालों का पानी गंगा में गिरने से भड़का संत समजा, अनशन की दी चेतावनी
punjabkesari.in Sunday, Jan 01, 2023 - 07:03 PM (IST)

फर्रुखाबाद, (दिलीप कटियार ): Farrukhabad तंबुओं का शहर रामनगरिया का 6 जनवरी से शुभारंभ होने जा रहा है । शुभारम्भ से पहले ही पूरा गंगा क्षेत्र कल्प वासियों के तम्बुओं से पटा गया है। शुरुआत होने से पहले संतों ने गंगा में गिरने वाले नाले को लेकर कई बार आवाज उठाई लेकिन प्रशासन ने नाले को बंद करने को लेकर कोई भी पहल नहीं की जिससे नजर होकर साधु संतों ने घोषणा की है की 2 जनवरी तक अगर गंगा में नाला गिरना बंद नहीं हुआ तो संत समाज ने 2 जनवरी शाम 4 बजे से अनशन की चेतावनी दी है। और कहा की हम लोग गंदे पानी में स्नान करे ऐसा नहीं होगा। भगवान के आगमन को साफ जल नहीं मिल रहा है। अगर उद्घाटन से पहले नाला बंद नहीं हुआ तो वह पुल पर अनशन करेंगे और रोड जाम करेंगे ।
फर्रुखाबाद के पांचाल घाट गंगा तट पर करीब पचास वर्षो से मेला लगता चला आ रहा इस माघ मेला में हजारो साधू सन्त व कल्पवासी गंगा स्नान करते है गंगा में पूरे शहर के नालो का पानी गंगा में गिरता है ।इस बार 06 जनवरी से 06 फ़रवरी तक मेला लगना है। शहर से निकलने वाले नालों का पानी सीधा गंगा में प्रभाहित हो रहा है। शुरुआत होने से पहले संतों ने गंगा में गिरने वाले नाले को लेकर कई बार आवाज उठाई लेकिन प्रशासन ने नाले को बंद करने को लेकर कोई भी पहल नहीं की।
रामनगरिया मेले के जूना अखाड़ा के नांगा संत सत्यगिरी, बाबा हरिदास, सुरेश गिरी, कोतवाल गिरी, पूर्णागिरि,मिथलेश गिरी आदि ने कहा की केंद्र में भाजपा सरकार के 9 साल पूर्ण होने वाले है इस समय प्रयागराज में कुम्भ मेले के बाद भी बाद भी गंगा मैली की मैली दिखाई दे रही है।जिसका मुख्य कारण यह है शहर से निकलने वाले नालों का पानी सीधा गंगा में प्रभाहित हो रहा है। उन नालों पर कोई भी ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया गया है दूसरी तरफ बड़े नालों के बाद गंगा के किनारे बसे दर्जनों गांवों की गंदकी गंगा में जा रही है ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कई सालों से आंदोलन चलाये जा रहे है।बहुत से समाजसेवी आमरण अनशन भी बैठे तो जिला प्रसाशन ने उनको उठाने के लिए बड़े बड़े वादा भी कर दिए लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया जा सका।
शहर में छपाई करने के सैकड़ो कारखाने चल रहे है उनका रंगीन केमिकल्स युक्त पानी भी गंगा के जल में विष घोल रहा है।गंगा प्रदूषण नियंत्रण विभाग के कर्मचारी जब भी कारखानों पर छापेमारी करते है।वह लोग अपनी अपनी जेब गर्म करने के बाद कोई कार्यवाही नही करते है।जब कि गंगा को अपनी माँ के रूप में मानने वाले लोग उसके जल को पीने के बाद अपनी प्यास बुझाते है।
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