फतेहपुरः एक ही दस्तावेज से दो जिलों में शिक्षिका की नौकरी, मामले की जांच में जुटी STF

punjabkesari.in Thursday, Dec 01, 2022 - 07:46 PM (IST)

फतेहपुरः फर्जीवाड़े में शिक्षा विभाग शायद सबसे आगे है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्री धारकों की जांच अभी अंत तक नहीं पहुंची है कि कई और शिक्षक एसटीएफ की रडार पर आ गए हैं। आरोप है कि कभी फर्जी दस्तावेज तो कभी दिव्यांगता के फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षकों ने नौकरी हासिल कर ली है। नया मामला एक और फर्जीवाड़े का सामने आया है, जिसमें एक ही दस्तावेज से जिले व सिद्धार्थनगर में किरन नाम की शिक्षिका नौकरी कर रही है। मामला एसटीएफ तक पहुंचा है और इसकी जांच कर फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचने के प्रयास हो रहे हैं।

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से फर्जी तरीके से डिग्री लेकर नौकरी हासिल करने वाले प्राइमरी शिक्षकों की जांच के आदेश हुए हैं। जिले में एक सैकड़ा के करीब ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने वर्ष 2004 से 2014 के बीच नौकरी पाई है। अन्य जनपदों में मिले फर्जी दस्तावेजों के चलते जांच के आदेश यहां भी हुए हैं।

इतना ही नहीं जिले में तीन दर्जन के करीब ऐसे भी शिक्षक हैं जिन्होंने दिव्यांगता के प्रमाण पत्र के जरिए विकलांग कोटे से नौकरी पा ली लेकिन हकीकत में जो दिव्यांगता कागजातों पर दिखाई गई उनमें दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आती। समय-समय पर शिकायतों पर जांच तो हुई लेकिन परिणाम सामने कुछ भी नहीं आया। एक बार तो ऐसा मौका भी आया कि जिले के 8 शिक्षकों को लखनऊ में मेडिकल बोर्ड के सामने प्रस्तुत होने की नोटिसें जारी हो गयीं लेकिन आरोप है कि सेटिंग-गेटिंग के खेल से उस पत्रावली को भी दफनाने में फर्जीवाड़ा करने वालों को सफलता हाथ लग गई।


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Content Writer

Ajay kumar

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