Firozabad Lok Sabha Seat: बीजेपी बरकरार रखेगी कब्जा या सपा कर देगी उलटफेर ?

punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2024 - 05:10 PM (IST)

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से फिरोजाबाद एक सीट है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ये शहर दुनियाभर में सुहाग नगरी के रूप में जाना जाता है। हालांकि पुराने जमाने में ये राजमहलों के लिए साजो सामान तैयार करता था, लेकिन धीरे-धीरे कांच के उद्योग की तरफ बढ़ता गया और आज यहां की चूड़ियां पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। अगर इस सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें, तो यहां पहली बार साल 1957 में लोकसभा चुनाव हुए। जिसमें निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। उसके बाद 1967 के अगले चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी ने इस सीट पर कब्जा किया, लेकिन साल 1971 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर पहली बार जीत दर्ज की। इसके बाद 1977 से 1989 तक के चुनाव में कांग्रेस एक बार ही इस सीट पर लौट पाई। साल 1991 से 1998 तक इस सीट पर बीजेपी के प्रभु दयाल कठेरिया का कब्जा रहा, लेकिन 1999 में सपा के राम जी लाल सुमन ने इस सीट को बीजेपी से छीन लिया और लगातार साल 2004 में भी जीत हासिल की। साल 2008 में सीट का परिसीमन बदला तो सपा से 2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने यहां से चुनाव जीता, लेकिन दो सीटों से चुनाव जीते अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद को छोड़ दिया था। अखिलेश के इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर इसी साल उपचुनाव में सपा की डिंपल यादव कांग्रेस के राज बब्बर से चुनाव हार गई थी। राज बब्बर की जीत से पंजे की इस सीट पर लंबे समय के बाद फिर से वापसी हुई थी। मगर 2014 में फिर से यहां सपा ने जीत दर्ज की और रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव सांसद बने, जो 2019 के पिछले चुनाव में बीजेपी के चन्द्रसेन जादौन से चुनाव हार गए थे।
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अगर बात विधानसभा सीटों की करें, तो इस लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें हैं। इनमें टुंडला सुरक्षित, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद और सिरसागंज शामिल हैं।

PunjabKesariसाल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पांच सीटों में से तीन समाजवादी पार्टी ने जीती हैं, जबकि दो सीट बीजेपी के खाते में गई। बीजेपी को टूंडला सुरक्षित और फिरोजाबाद सीट पर जीत मिली, जबकि जसराना, शिकोहाबाद और सिरसागंज में सपा विजयी रही।

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 17 लाख 40 हजार 562 थी, जिनमें 9 लाख 50 हजार 486 पुरूष मतदाता, जबकि 7 लाख 89 हजार 89 महिला वोटर रहीं। वहीं ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 87 थी। 
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फिरोजाबाद सीट के साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी प्रत्याशी चंद्रसेन जादौन ने समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव को 28 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। चन्द्रसेन जादौन को कुल 4 लाख 95 हजार 819 वोट मिले, जबकि अक्षय यादव को 4 लाख 67 हजार 38 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर पीएसपीएल के शिवपाल सिंह यादव थे। शिवपाल को कुल 91 हजार 869 वोट मिले।
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फिरोजाबाद सीट पर साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव जीते थे। अक्षय ने एक लाख से ज्यादा वोटों से बीजेपी के बघेल को हराया था। अक्षय यादव को कुल 5 लाख 34 हजार 583 वोट मिले थे, जबकि एसपी सिंह बघेल को 4 लाख 20 हजार 524 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बसपा के विश्वदीप सिंह थे।विश्वदीप ने एक लाख 18 हजार 909 वोट हासिल किए थे।
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अगर बात साल 2009 के उपचुनाव की करें, तो अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई फिरोजाबाद सीट कांग्रेस ने जीती थी, यहां उपचुनाव में कांग्रेस के राज बब्बर ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को चुनाव हराया था। राज बब्बर ने डिंपल को 85 हजार से अधिक वोटों से उपचुनाव में पटखनी देकर जीत दर्ज की थी, जबकि तीसरे स्थान पर बसपा के एसपी सिंह बघेल रहे थे। 

साल 2009 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने चुनाव जीता था। आम चुनाव में अखिलेश यादव ने इस सीट पर बसपा के एसपी सिंह बघेल को हराया था। अखिलेश यादव को कुल 2 लाख 87 हजार 11 वोट मिले थे, जबकि बसपा के एसपी बघेल को 2 लाख 19 हजार 710 वोट मिले। वहीं बीजेपी प्रत्याशी रघुवर दयाल वर्मा तीसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें 1 लाख 1 हजार 561 वोट मिले थे।
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फिरोजाबाद सीट पर साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो ये सीट एससी वर्ग के लिए रिजर्व थी और समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामजी लाल सुमन ने जीत दर्ज की थी। रामजी लाल सुमन ने बीजेपी के किशोरी लाल को हराया था।  सुमन को कुल 2 लाख 12 हजार 383 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के किशोरी लाल माहौर को 1 लाख 57 हजार 595 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के बीरेश कुमार रहे थे, जिन्हे 69 हजार 554 वोट मिले थे। 
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फिरोजाबाद लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर-20 है। ये यादव, दलित और मुस्लिम बहुल सीट मानी जाती है, जबकि ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य और ओबीसी मतदाता भी इस सीट पर महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। इस सीट के सामान्य होने के बाद एक उपचुनाव समेत हुए चार चुनाव में अलग-अलग पार्टी ने जीत दर्ज की है। वर्तमान में बीजेपी काबिज है, जबकि साल 2009 में आम चुनाव सपा जीती थी और उपचुनाव में कांग्रेस के राज बब्बर ने जीत दर्ज की थी। मगर साल 2014 का अगला चुनाव सपा ने फिर से जीत लिया था। इस सीट पर अब तक सपा और बीजेपी का 4-4 बार कब्जा रहा है। तीन बार कांग्रेस जीती है और बसपा को अभी यहां खाता खोलने की दरकार है। आम चुनाव 2024 की चुनावी जंग में बीजेपी ने अभी तक इस सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, लेकिन इस बार बीजेपी फिरोजाबाद विधायक मनीष असीजा पर भरोसा जता सकती है। जबकि सपा ने पूर्व सांसद अक्षय यादव पर फिर से दांव खेला है। बसपा ने नए चेहरे सतेंद्र जैन सोली को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर सभी दलों की निगाहें बीजेपी के प्रत्याशी की घोषणा पर लगी हुई हैं। वैसे फिरोजाबाद सीट सपा की मजबूत मानी जाती है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने सपा को 2019 के पिछले चुनाव में पटखनी दी है। उससे यहां बीजेपी इस बार भी प्रत्याशी बदलकर कोई बड़ा उलटफेर कर सकती है, लेकिन बीजेपी की इस जीत में अहम भूमिका शिवपाल यादव की रही थी। जो 91 हजार से अधिक वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। मगर इस बार बसपा के जैन उम्मीदवार उतारने से त्रिकोणीय मुकाबले के हालात भी बन सकते हैं। हालांकि अनुमान से इतर इस सीट पर हार-जीत का फाइनल परिणाम तो मतगणना के बाद ही सामने आएगा। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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