गरीबी व सरकारी सिस्टम ने किया मजबूर, बीमार पति को ठेले पर लाना पड़ा अस्पताल

punjabkesari.in Sunday, May 03, 2020 - 09:58 PM (IST)

गोरखपुर: कोरोना महामारी से जहां पूरा देश लड़ रहा है, तो वहीं लॉकडाउन ने लोगों को लाचार कर दिया है। सरकारी सिस्टम भी जबाब दे दे रहा है। इसकी एक नज़ारा रविवार को सहजनवां क्षेत्र में देखने को मिला।

बता दें कि हङही उर्फ कोङरी गांव के 60 वर्षीय दीपचन्द की रविवार को अचानक तबियत खराब हो गई तो कहीं से मदद नहीं मिली। बेटा क्वारेंटइन सेंटर में है। हर तरफ से निराश होने के बाद पत्नी सुभावती अपने पति को गांव के एक व्‍यक्ति के ठेले पर लादकर ठर्रापार स्थित सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पहुंची। वहां डाक्टरों ने चेकअप करने के बाद शुगर बढऩे का हवाला देते हुए उसी ठेले से घर लौटा दिया।

ग़ौरतलब है कि दीपचंद का इकलौता बेटा पवन हैदराबाद में वेल्डिंग का काम करता था। फरवरी महीने में ही वहां गया था। लॉकडाउन के कारण 28 अप्रैल को वह पैदल ही घर आ गया। गांव के स्कूल में उसे क्वारेंटइन किया गया है। घर पर उसके मां-बाप के अलावा उसकी पत्नी सीता रहती है। रविवार दीपचंद की तबीयत खराब होने पर बेटा स्कूल में तङपता रहा। उधर, मां को एम्बुलेंस ना मिलने पर वह गांव लल्लू के ठेले पर पति को लेकर अस्पताल पहुंची। वहां मौजूद डाक्टर ने ठेले पर ही उसका चेकअप करते हुए शुगर बढऩे का हवाला दिया। कुछ दवाईयां देते हुए घर लौटा दिया। उसी ठेले पर पति को लेकर महिला घर लौट गई।

सीएचसी अधीक्षक डा. सीपी मिश्र ने कहा कि मरीज दीपचंद ठेले से अस्पताल आया था। चेकअप के बाद उसी ठेले से घर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि घर भेजने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलती है इसीलिए ठेले से ही भेजा गया है।


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Edited By

Ramkesh

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