BIG BREAKING: 34 महीने बाद जेल से रिहा हुए पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, बाहर निकलते ही पत्नी बेटे को लगाया गले
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 07:38 PM (IST)

कानपुर ( प्रांजुल मिश्रा ): 34 महीने बाद जेल से रिहा हुए पूर्व विधायक इरफान सोलंकी....आपको बता दें कि इरफान सोंलकी की पत्नी हाई कोर्ट का रिहाई का आदेश लेकर सुबह ही महाराजगंज जेल में पहुंच गए थीं। पत्नी नसीम सोलंकी दोनों बेटों और सास खुर्शिदा बेगम के साथ उन्हें लेने के लिए महराजगंज जेल पहुंची थीं।
जेल के बाहर इरफान के समर्थक मौजूद हैं। नसीम सोलंकी ने उन्हें भीड़ न लगाने को कहा। नसीम सुबह ही दोनों बेटों के साथ जेल पहुंची थीं। वह अंदर जाने लगी तो बेटों को रोक लिया, सिर्फ पत्नी अंदर गईं। बेटा गेट से वापस आ गया। पत्नी अंदर गईं और इरफान से मुलाकात की।
इरफान सोलंकी की रिहाई की प्रक्रिया सुबह 10 बजे शुरू हुई, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ किए जाने के कारण रिहाई में कुछ देरी हुई। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शाम तक उन्हें जेल से बाहर लाया गया। इस दौरान जेल परिसर और आसपास के इलाकों में सुबह से ही सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ जुट गई थी। फूल-मालाओं और नारों के बीच उनका भव्य स्वागत किया गया। उनकी पत्नी और मौजूदा विधायक नसीम सोलंकी ने जेल पहुंचकर रिहाई की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई।
रिहाई के बाद इरफान सोलंकी ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा—
“यह आज़ादी सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि उन तमाम साथियों की है जो अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। मैं सपा परिवार और सभी समर्थकों का आभार व्यक्त करता हूं। जेल ने मुझे मज़बूत बनाया है और अब मैं जनसेवा के लिए तैयार हूं।”
उनकी रिहाई के वक्त सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रही और 20 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। उनकी रिहाई के वक्त सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रही और 20 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इरफान सोलंकी को 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आगजनी, रंगदारी और गैंगस्टर एक्ट सहित 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। दिसंबर 2022 में जाजमऊ थाने में दर्ज आगजनी मामले में उन्हें सात साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी खत्म हो गई।
2025 में रंगदारी के मामले में उन्हें जमानत मिली
मार्च 2025 में रंगदारी के मामले में उन्हें जमानत मिली, जबकि 25 सितंबर 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के आखिरी मामले में भी उन्हें, उनके भाई रिज़वान सोलंकी और अन्य सहयोगियों को जमानत दे दी। रिहाई से ठीक पहले ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सवाल पूछे, लेकिन कोई नई बाधा नहीं आई। इस मामले में इरफान की करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही जब्त की जा चुकी है। कैद के दौरान नसीम सोलंकी ने सीसामऊ सीट से चुनाव जीतकर पार्टी की राजनीतिक विरासत को संभाला। वहीं, उनके भाई रिज़वान सोलंकी को भी 29 सितंबर को कानपुर जेल से रिहा कर दिया गया था।
कानपुर की सियासत में हलचल तेज
इरफान की रिहाई के बाद कानपुर की सियासत में हलचल तेज हो गई है। अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले इरफान की वापसी को 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले सपा के लिए बड़ा राजनीतिक लाभ माना जा रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह रिहाई “राजनीतिक साज़िशों के खिलाफ जीत” है। परिवार और समर्थकों के लिए यह दिन बेहद भावनात्मक रहा। सुबह से ही नसीम सोलंकी अपनी सास खुर्शिदा बेगम और बेटों के साथ जेल पहुंची थीं। सुरक्षा कारणों से बेटों को अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली, इसलिए नसीम अकेले ही अंदर जाकर पति से मिलीं।
इरफान सोलंकी की रिहाई न केवल कानपुर की राजनीति बल्कि सपा के भीतर भी नए समीकरणों को जन्म दे सकती है। उनके समर्थकों ने नारे लगाए— “इरफान ज़िंदाबाद!”और उनके लौटने को सपा के लिए नई ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है।