गाजीपुर में स्कूल के प्रिंसिपल हो गए सस्पेंड, पांच शिक्षकों का रुका वेतन; जानिए क्या हुई इतनी बड़ी लापरवाही?

punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 12:45 PM (IST)

Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जहां बीते सोमवार को टौंगा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की बड़ी लापरवाही की वजह से एक 6 साल का बच्चा स्कूल के कमरे में बंद रह गया। बच्चे का नाम ऋषभ राजभर है। वह अपने फुफेरे भाई अभिषेक के साथ स्कूल आया था। अभिषेक कक्षा 4 में पढ़ता है, जबकि ऋषभ का अभी स्कूल में नामांकन नहीं हुआ था

बच्चा स्कूल में बंद, ग्रामीणों ने सुनी रोने की आवाज; पुलिस ने बचाया
मिली जानकारी के मुताबिक, स्कूल खत्म होने के बाद शिक्षक कमरे का ताला बंद करके चले गए और ऋषभ अंदर ही बंद रह गया। करीब एक घंटे बाद बच्चे की खिड़की से रोने की आवाज आई, जिसे आसपास के ग्रामीणों ने सुना। उन्होंने तुरंत पुलिस और जिलाधिकारी कार्यालय को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची, चाबी मंगाकर कमरे का ताला खोला और बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला। बाद में बच्चे को उसके घरवालों के सुपुर्द कर दिया गया। बच्चे के पिता ने कहा कि यह शिक्षकों की बड़ी लापरवाही है। बच्चा बहुत डर गया था और रो-रोकर बेहाल हो गया था। उन्होंने कहा कि अगर समय पर बच्चे की आवाज नहीं सुनाई देती तो क्या होता?

शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई, प्रधानाध्यापक सस्पेंड; पांच का रोका वेतन
मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अशोक कुमार गौतम ने जांच की। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने प्रधानाध्यापक विमलेश यादव को तुरंत सस्पेंड कर दिया। साथ ही पांच अन्य शिक्षकों राधेश्याम यादव, संदीप यादव, हंसलाल, संजय उपाध्याय और रेनू दिवेदी का वेतन रोक दिया गया। सभी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने को कहा गया है। बीईओ ने कहा कि अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो इनके खिलाफ भी सस्पेंशन की कार्रवाई होगी।

बीईओ ने जताई चिंता, कहा- बच्चों की सुरक्षा पहली जिम्मेदारी
बीईओ अशोक कुमार गौतम ने कहा कि बच्चा नामांकित नहीं था, लेकिन स्कूल में था तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सभी की है। हमने तुरंत कदम उठाए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटना ना हो। इस घटना के बाद इलाके के सभी स्कूलों में सुरक्षा और सतर्कता बढ़ गई है। ग्रामीण भी अब स्कूल प्रशासन पर नजर रख रहे हैं क्योंकि कई बार शिक्षक समय पर नहीं आते या जल्दी चले जाते हैं।


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Content Editor

Anil Kapoor

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