महमूद मदनी को प्रस्ताव लाना चाहिए था कि 500 साल पहले तोड़े गए मंदिर हिंदुओं को वापस सौंप दें: महंत नारायण गिरी
punjabkesari.in Sunday, May 29, 2022 - 05:51 PM (IST)

सहारनपुर: देवबंद के ईदगाह मैदान में जमीयत उलमा-ए-हिंद के तत्वाधान में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें मथुरा ईदगाह, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चर्चा हुई। वहीं महमूद मदनी के बयान को लेकर जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता और दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि महमूद मदनी को हमेशा हिंदुओं ने सपोर्ट किया है। जब कलंकित ढांचा अयोध्या में गिरा और उनको सपोर्ट करने वाले देवबंद में अधिकतर हिंदू थे। उन्होंने कहा कि भड़काऊ भाषा बोल कर देश का वातावरण खराब करना विकृत मानसिकता का प्रतीक है । ऐसे समय में इतने बड़े विद्वान को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती है। देवबंद में इनको एक प्रस्ताव लाना चाहिए था कि 500 साल पहले मुगलों ने जितने भी मंदिर तोड़े वह वापस हिंदुओं को सौंप दें।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को लिए भय का माहौल बनाया जा रहा है हिंदुस्तान का मुसलमान शांति का माहौल चाहता है लेकिन तुर्किस्तान वाले जो बाबर के वंशज हैं उनके मन में भावना रहती है। जो मंदिर मुसलमानों ने गिराए है वो वापिस मिले तभी शांति व्यवस्था बनेगी। जब तोड़े गए मंदिरों को हिंदुओं को वापस कर दिए जाएंगे किसी भी मुसलमान को भारत में डरने की जरूरत नहीं है । हिंदू उनकी रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि कई बार महमूद मदनी ने पाकिस्तान और उग्रवादियों की आलोचना की है लेकिन राजनीतिक व्यक्ति धीरे-धीरे राजनीतिक भाषण देना शुरू कर देते हैं उनको भूलना नहीं चाहिए हिंदुओं ने ही उनको राज्यसभा में भेजा था।
गौतलब है कि देवबंद में जमीयत की बैठक के दूसरे दिन मौलाना महमूद मदनी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कहा कि जो हमारे शरीयत का हिस्सा है, उससे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। शादी, तलाक जैसे मुद्दों को नहीं छेड़ा जाना चाहिए। हम देश की हिफाजत के लिए जान देने को तैयार हैं। शरीयत में दखल मंजूर नहीं होगा, जिन्हें हम बर्दाश्त नहीं, वे चले जाएं।