विद्यालयों के विलय पर सरकार का यू टर्न - योगी के मंत्री बोले- अब 1 KM से दूरी वाले, 50 से ज्यादा छात्रों वाले स्कूल का नहीं होगा ...

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 03:42 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि एक किमी से अधिक दूरी वाले विद्यालयों का विलय नहीं होगा,वहीं जिन उच्च प्राथमिक स्कूलों की दूरी तीन किमी से अधिक होगी, उनका भी विलय नहीं होगा। श्री सिंह ने गुरुवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इसके साथ ही जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 या इससे अधिक है, उनका भी विलय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रदेश में अति न्यून संख्या वाले विद्यालयों की निकटस्थ विद्यालयों के साथ ही पेयरिंग की जा रही है। एक सप्ताह में मर्जर का काम पूरा कर लिया जाएगा।

 उन्होंने कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि बच्चों की शिक्षा को सरकार खत्म कर रही है, यह ग़लत है। विद्यालयों की पेयरिंग उत्तर प्रदेश नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 (यथासंशोधित 2017) के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों की पेयरिंग आबादी से 1 किमी की दूरी के अन्तर्गत तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों की पेयरिंग आबादी से 3 किमी के अन्तर्गत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। विद्यालयों की पेयरिंग करते समय यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि छात्र-छात्राओं की विद्यालय तक सुगम पहुँच को अवश्य ध्यान में रखा जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि विद्यालय तक पहुंचने में किसी प्रकार का अवरोध यथा-रेलवे कॉसिंग, नदी-नाले, हाई-वे आदि संबंधी प्रतिकूल स्थिति न हो।  

 मंत्री ने कहा कि पेयरिंग का उद्देश्य बच्चों के उन्नत भविष्य के लिये बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। कोई भी विद्यालय बंद नहीं किया जा रहा है। उक्त के द्दष्टिगत विद्यालयों का यू-डायस कोड भी यथावत् रखा गया है। यदि किसी जिले में पेयरिंग के संबंध में विसंगति की स्थिति है तो इसे दूर किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इस संबंध में निरन्तर समीक्षा की जा रही है तथा छात्र हित में आवश्यकतानुसार पूर्व विद्यालय में पुन: संचालन के निर्देश भी दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही शिक्षकों एवं रसोईयों के पद कम अथवा समाप्त नहीं किये जा रहे हैं। पेयरिंग का उद्देश्य यह भी है कि 50 तक के छात्र नामांकन वाले विद्यालयों में 3 शिक्षक (शिक्षामित्र सहित) की तैनाती सुनिश्चित करायी जा रही है। जिससे कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो सके। 50 से अधिक नामांकन वाले विद्यालयों में पीटीआर के मानक के अनुसार शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करायी जायेगी।  

 बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि कोई भी बच्चा जर्जर भवन में न रहे, इस संबंध में जर्जर भवनों के चिन्हीकरण एवं ध्वस्तिकरण की कार्यवाही भी की जा रही है। इसके लिए 132 करोड़ की लागत से सभी विद्यालयों के सेफ्टी ऑडिट की कार्यवाही भी प्रारम्भ की जा रही है। बीते आठ वर्षों में परिषदीय स्कूलों की स्थिति में काफी सुधार आया है। सरकार ये सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के तहत अच्छी शिक्षा मिले। इसके लिए स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। 2017 के बाद स्कूलों के हालात सुधारने के प्रयास किए गए जिसके परिणामस्वरूप आज प्रदेश के 96 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों के लिए पीने का पानी, शौचालय और सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।

 उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश कोई पहला राज्य नहीं है जहां पर स्कूलों की पेयरिंग (विलय) की जा रही है। इसके पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान और उड़ीसा जैसे राज्यों में यह प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है। संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल और बच्चों के भविष्य को और बेहतर कैसे बना सकते हैं इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। राजस्थान में 2014 में इस प्रक्रिया के तहत 20 हजार स्कूलों का विलय किया गया। मध्य प्रदेश में 2018 में पहले चरण में 36 हजार विद्यालयों को और लगभग 16 हजार समेकित परिसरों को निर्मित किया गया। उड़ीसा में 2018-19 में 1800 विद्यालयों को पेयर किया जा चुका है।

हिमाचल प्रदेश में भी 2022 व 2024 में चरणबद्ध तरीके से पेयरिंग की प्रक्रिया को पूर्ण किया गया है। संदीप सिंह ने कहा कि हम बाल वाटिका की शुरुआत कर रहे हैं। इस निर्णय को हमने इसलिए लिया कि छोटे छोटे बच्चों में स्किल डेवलपमेंट हो । 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए हम 3 अलग-अलग कोर्स की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले 15 अगस्त तक हम काम पूरा कर लेंगे, बाल वाटिका और प्री प्राइमरी का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 20182 शिक्षकों का समायोजन किया गया है यह सभी शिक्षकों से पूछ कर किया गया है। सरकार चाहतीं हैं कि हम बच्चों की शिक्षा को बेहतर करें। अगर किसी अभिभावक को समस्या है तो वह विभाग से शिकायत भी कर सकता है। 


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Content Writer

Ramkesh

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