नौवीं कक्षा में फेल युवक बना सरकारी शिक्षक, ऐसे खुली पोल

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2019 - 01:07 PM (IST)

मेरठ: यूपी के मेरठ में नौवीं फेल छात्र ने दसवीं की फर्जी मार्कशीट बनवाकर सरकारी शिक्षक की नौकरी प्राप्त कर ली थी। जिसकी अब वर्षों बाद जाकर पोल खुली है। एक शिक्षक की शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) ने सात पन्नों की रिपोर्ट में इस शिक्षक का खुलासा किया है। आरोपी शिक्षक के खिलाफ सदर बाजार थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। उक्त शिक्षक ने कॉलेज के प्रधानाचार्य व एक शिक्षक पर जाति सूचक शब्द कहने का आरोप लगाकर थाने में शिकायत की थी।

मामला सनातन धर्म इंटर कॉलेज सदर का है। शिक्षक सिद्धार्थ सरस्वती (प्राइमरी) ने प्रधानाचार्य व भौतिक विज्ञान के शिक्षक मनोज कुमार पर जाति सूचक शब्द करने का आरोप लगाकर सदर बाजार थाने में शिकायत की थी। वहीं कॉलेज प्रधानाचार्य ने भी जिला विद्यालय निरीक्षक के यहां अपनी शिकायत दर्ज की। दोनों की शिकायतों पर जांच की गई। जिसमें सिद्धार्थ सरस्वती द्वारा लगाए गए आरोप सरासर वे वुनियाद और छूठा बताए गए। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि सिद्धार्थ दो अलग-अलग स्कूलों में साल 1991 और साल 1992 में कक्षा नौवीं में फेल हुआ है। वहीं साल 1994-95 में हाईस्कूल उत्तीर्ण होना दर्शाया गया है।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक कक्षा नौवीं में फेल होने के बाद फर्जी मार्कशीट बनाई और जन्मतिथि में दो साल का अंतर दर्शाकर सरकारी शिक्षक की नौकरी प्राप्त कर ली। उसके बाद कॉलेज प्रशासन ने सिद्धार्थ सरस्वती का रिकॉर्ड भी खंगाला। जिसमें सिद्धार्थ सरस्वती का नाम सिद्धार्थ गौड़ बताया गया। जिनकी जाति जुलाहा (कोरी) है। अभी तक यह जाति अनुसूचित जाति में नहीं मानी जाती। सिद्धार्थ के खिलाफ कोर्ट में एक वाद भी दायर है, जोकि अभी विचाराधीन है। जिला विद्यालय निरीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देकर कॉलेज के शिक्षक मनोज कुमार ने शिकायती पत्र दिया। जिसको आधार मानकर इलाके के सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। 

 

 

   

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ajay kumar

Recommended News

Related News

static