मरने के बाद भी लव मैरिज की भुगतनी पड़ी सजा! नफरत की आग में जल रहे पिता ने अंत्येष्टि के लिए बेटी को नहीं दी जगह फिर...

punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 04:01 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवती की लव मैरिज करने की सजा मौत के बाद भी उसे भुगतनी पड़ी। परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए दो गज ज़मीन तक देने से इनकार कर दिया। मायके और ससुराल — दोनों पक्षों ने किनारा कर लिया। कई घंटे तक पंचायत और पुलिस की समझाइश के बाद भी जब कोई राजी नहीं हुआ, तो एक किसान नेता ने आगे बढ़कर अपनी ज़मीन पर अंतिम संस्कार कराया।

प्रेम विवाह के कारण दोनों परिवारों ने किया बहिष्कार
मामला उत्तरगांव के राधा कृष्ण खेड़ा गांव का है। यहां की रहने वाली रेनू ने दो साल पहले गांव के ही आलोक से प्रेम विवाह किया था। रेनू के माता-पिता पहले ही गुजर चुके थे। भाई अशोक था, लेकिन उसने भी इस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। वहीं, आलोक के परिवार ने भी इस शादी को मंजूरी नहीं दी थी। दोनों हरकंशगढ़ी में किराए के मकान में रहते थे।

 बच्ची के जन्म के बाद बिगड़ी हालत, फिर मौत
सोमवार को रेनू ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन जन्म के तुरंत बाद ही बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद रेनू की तबीयत भी बिगड़ गई। आलोक उसे लोकबंधु अस्पताल ले गया, जहां से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। आर्थिक तंगी के चलते वह उसे भाई अशोक के घर ले आया, लेकिन बुधवार सुबह रेनू ने दम तोड़ दिया।

दोनों परिवारों ने किया अंतिम संस्कार से इंकार
रेनू की मौत के बाद उसका शव अंतिम संस्कार के लिए लाया गया, लेकिन ससुराल और मायके दोनों ने जमीन देने से मना कर दिया।  ससुराल वालों ने कहा — “प्रेम विवाह के बाद रिश्ता खत्म हो चुका था, अब हमारी जमीन पर दाह संस्कार नहीं होगा। भाई अशोक ने भी पुलिस को लिखित में दे दिया कि उसे बहन से कोई लेना-देना नहीं है।

 किसान नेता बने देवदूत
घंटों तक शव अर्थी पर पड़ा रहा। सूचना मिलने पर गनियार गांव के किसान नेता दिलराज सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने इंसानियत दिखाते हुए अपनी जमीन अंतिम संस्कार के लिए दे दी। शाम करीब 6 बजे पुलिस और ग्रामीणों की मौजूदगी में रेनू का अंतिम संस्कार कराया गया।
 


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Content Writer

Ramkesh

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