हाथरस हादसा बना महाकुंभ के लिए सबक ! साधु-संत और श्रद्धालुओं ने प्रशासन और सरकार से की यह अपील

punjabkesari.in Friday, Jul 05, 2024 - 02:54 AM (IST)

Prayagraj New, (सैय्यद आकिब रज़ा) : हाथरस में हुए हदसे ने अबतक 122 परिवारों को जो दर्द दिया है उसका जख्म अब कभी नहीं भर पायेगा। 3 जुलाई को सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में हर तरफ लाशों का अंबार देखने को मिला साथ ही आयोजको द्वारा भीड़ नियंत्रण को लेकर सभी प्रयास विफल साबित हुए। ऐसे में हाथरस हादसे ने संगम नगरी प्रयागराज के साधु संत और श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ा दी है। कुछ ही महीने के बाद संगम के तट पर देश दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ का आगाज़ होगा जिसमे करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटक महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे। इसी के मद्देनजर अब अखाड़े के साधु संत और स्थानीय लोगो ने चिंता जताई और जिला प्रशासन और सरकार से अपील करते हुए कहा है की अभी से ही भीड़ नियंत्रण को लेकर कठोर व्यवस्था की रणनीति तैयार करना होगा। महाकुंभ सकुशल संपन्न तभी होगा जब भीड़ नियंत्रण योजनागत तरीके से बनाई जाए ताकि सभी प्रयोग सफल साबित हो।
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प्रयागराज के साधु संतों का कहना है कि हाथरस में भीड़ नियंत्रण की योजना पूरी तरीके से विफल थी इसीलिए इतना बड़ा हादसा हो गया। इसी कड़ी में काशी पीठ के बड़े महंत स्वामी विश्वेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज का कहना है कि संत समाज ने जितने भी मृतक लोग हैं उनकी आत्मा की शांति के लिए मौन रखा और घायलों के लिए जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। विश्वेश्वरानंद महाराज का यह भी कहना है कि हाथरस हादसे को एक सबक के तौर पर लेना होगा क्योंकि महाकुंभ के शाही स्नान के मौके पर कई करोड़ लोग एक ही दिन संगम तट पहुंचेंगे। ऐसे में भीड़ को नियत्रण में रखना प्रशासन के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। उधर, अनि अखाड़ा के महंत राकेश दास का कहना है कि पूरे देश के साथ-साथ दुनिया के लोगों की निगाहें महाकुंभ के भव्य आयोजन पर है। हालाकि जिले में कई जगह विकास कार्य चल रहा है लेकिन हाथरस की घटना ने एक बड़ी चेतावनी भी दी है। महंत ने बताया कि अखाड़ा परिषद की बैठक में इस घटना पर गंभीर चर्चा होगी और भीड़ नियंत्रण के लिए सरकार से अपील भी की जाएगी।
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उधर, प्रयागराज के स्थानीय लोग भी हाथरस में हुए हादसे को लेकर डरे हुए हैं। अविनाश उपाध्याय का कहना है कि जिस तरीके से सरकार जनवरी में लगने वाले महाकुंभ को लेकर तैयारी में जुटी हुई है उससे यही लग रहा है की इस बार श्रद्धालुओं के आने का रिकॉर्ड टूटेगा। ऐसे में अब भीड़ नियंत्रण करना सरकार के लिए पहली चुनौती होगी। सरकार और प्रशासन को ऐसे मास्टर प्लान को बनाना होगा जो हर मायने में सफल साबित हो।

 


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Content Editor

Mamta Yadav

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