हाथरस भगदड़:  भोले बाबा के वकील बोले- एसआईटी के आरोपपत्र ''झूठ का पुलिंदा''

punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 05:40 PM (IST)

हाथरस: जिले में भोले बाबा की सत्संग में हुए भगदड़ मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) के आरोपपत्र की शुक्रवार को एक अदालत में तीखी आलोचना हुई। इस मामले में भोले बाबा का प्रतिनिधित्व कर रहे उच्चतम न्यायालय के वकील ए.पी. सिंह ने आरोपपत्र को मीडिया और राजनीतिक दबाव से प्रभावित 'झूठ का पुलिंदा' बताया है। हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील में दो जुलाई, 2024 को हुई भगदड़ की घटना के सिलसिले में यहां जिला अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपपत्र पर चर्चा की गई। इस घटना में सूरजपाल उर्फ नारायण साकर हरि उर्फ भोले बाबा द्वारा संबोधित एक धार्मिक सभा के दौरान 121 लोगों की मौत हो गयी गई थी - जिनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।

मामले में सभी आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता ए.पी. सिंह ने अदालती कार्यवाही के बाद पत्रकारों से कहा, “एसआईटी का आरोपपत्र झूठ का पुलिंदा है। इसे मीडिया के दबाव, सरकारी प्रभाव और जनता के आक्रोश के चलते जल्दबाजी में तैयार किया गया है। निर्दोष लोगों को गलत तरीके से फंसाया गया है।” सिंह ने कहा कि जांच में कथित विसंगतियों और खामियों को उजागर करने के लिए अदालत में विस्तृत दलीलें पेश की गईं।

उन्होंने कहा, “अदालत में यह पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि यह आरोपपत्र मनगढ़ंत है। सच्चाई जल्द ही सामने आएगी और न्याय की जीत होगी।” सिंह ने आगे बताया कि सत्संग कार्यक्रम के 11 आयोजकों में से आठ को पहले ही उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कहा, “केवल तीन व्यक्ति - मुख्य आयोजक देवप्रकाश मधुकर, मुकेश और मेघ सिंह - न्यायिक हिरासत में हैं।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई दो मई को तय की है, जब आगे की दलीलें होने की उम्मीद है। इस दुखद घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा था, जिसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय एसआईटी का गठन किया गया था। पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं है। इस कार्यक्रम को लेकर प्राथमिकी में आयोजकों को आरोपी बनाया गया है। अधिकारियों ने पाया था कि सत्संग मे भीड़ की संख्या दो लाख से अधिक हो गई थी, जो 80,000 की अनुमत सीमा से कहीं अधिक थी।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

static