निर्भया फंड के इस्तेमाल करने को लेकर HC ने योगी सरकार से मांगा 4 हफ्ते में जवाब

punjabkesari.in Saturday, Jan 09, 2021 - 01:04 PM (IST)

प्रयागराज:  इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हिंसा पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं के सहायता के लिए बनाये गये निर्भया फण्ड का इस्तेमाल न करने की शिकायत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका को सुनवाई के लिए दो फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका में निर्भया फंड राशि के हुए खर्च तथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाये गए कदमों का ब्योरा देने की मांग की गयी है।       

मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खण्ड पीठ ने अधिवक्ता ममता सिंह की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है।        याची का कहना है कि 2013 में दिल्ली में हुए निर्भया काण्ड के बाद केंद्र सरकार ने एक हज़ार करोड़ की राशि स्वीकृति की थी । इस राशि को महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा में खर्च करना था । जिसके लिए केंद्र सरकार ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये है । निर्भया फण्ड बनाकर इकट्ठा करोडों की राशि राज्य सरकारों को आवंटित की गयी और राज्य सरकार द्वारा इस फण्ड को ठंडे बस्ते में डाल दिया ।      

 याची का कहना है कि अब तक पूरी राशि का मात्र 11 प्रतिशत यानी 252 करोड़ रूपया ही खर्च किया गया है। 18 राज्यों के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार केवल 15 प्रतिशत फण्ड खर्च किया गया । 2019 तक महाराष्ट्र में एक भी पैसा खर्च नही किया गया । त्रिपुरा और केरल ने अपने निर्भया फंड से मात्र तीन प्रतिशत , मणिपुर ने चार प्रतिशत , गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ने पांच प्रतिशत खर्च किया और तेलंगाना, कर्नाटक और उड़ीसा ने अपने निर्भया फण्ड से केवल छह प्रतिशत व्यय किया है।       

दूसरी ओर महिला और बालिकाओं के विरुद्ध हिंसा में रिकॉर्ड बढोत्तरी हुई है । 2015 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की 329243 घटना रिपोर्ट हुई जबकि 2016 में यह बढ़कर 338954 हो गयी और 2017 में यह आंकड़ा 359 849 को छू गयी । बालिकाओं के विरुद्ध भी हिंसा के आंकड़े दिल दहलाने वाले है । 2015, 2016 , 2017 में यह 94172 , 106958 और 129032 रही । ये सारे आंकड़े सरकार के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो पर उपलब्ध हैं ।     

  याची का यह भी कहना है कि 2017 में देश में बलात्कार की 32559 घटनाये रिपोर्ट हुई, जिसमें नाबालिग बालिकाओं से रेप की घटना 17382 (53 प्रतिशत) रही । उत्त्तर प्रदेश में अपहरण की 8721 घटनाओं में 80.67 प्रतिशत अपहरण बालिकाओं के हुए है। याचिका में अपराध पर नियंत्रण करने तथा अपराध पीडिताओं के इलाज पुनर्वास आदि के लिए बने फंड का सदुपयोग करने का समादेश जारी करने की मांग की गयी है।

 


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Moulshree Tripathi

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