महिला नागा साधु पीरियड्स में कैसे करती हैं महाकुंभ में स्नान, जानिए उपाय ?
punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2025 - 12:34 PM (IST)
महाकुंभ नगर: महाकुंभ 2025 के प्रथम अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं और महिला साधु ने भी संगम में डुबकी लगाई। लेकिन कई लोगों के मन यह सवाल होगा कि महिला साधु पीरियड्स के दौरान महाकुंभ में कैसे स्नान करती है। इस बारे में हम विस्तार से बात आप को बता रहे हैं। दरअसल, इन महिलाओं के लिए बहुत ही कठोर नियम है। महिला नागा साधु केवल उस दिन गंगा स्नान करती हैं जब उन्हें मासिक धर्म नहीं होता। अगर कुंभ के दौरान उन्हें पीरियड्स आ जाएं तो वो गंगा जल के छींटे अपने ऊपर छिड़क लेती हैं। इससे मान लिया जाता है कि महिला नागा साधु ने गंगा स्नान कर लिया है।
पुरुष नागा साधु पहले करते हैं स्नान
महाकुंभ में पुरुष नागा साधु के स्नान करने के बाद वह नदी में स्नान करने के लिए जाती हैं। अखाड़े की महिला नागा साध्वियों को माई, अवधूतानी या नागिन कहा जाता है। नागा साधु बनने से पहले इन्हें भी जीवित रहते ही अपना पिंडदान करना होता है और मुंडन भी कराना पड़ता है। नागिन साधु बनने के लिए इन्हें भी 10 से 15 साल तक तक कठिन ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।
त्रिवेणी संगम में करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अब तक लगाई डुबकी
कड़ाके की ठंड के बावजूद जोश और उत्साह से लबरेज श्रद्धालुओं ने बुधवार को महाकुम्भ में त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाई। ‘हर हर महादेव', ‘जय श्री राम' और ‘जय गंगा मैया' के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालुओं ने संगम पर स्नान किया। मकर संक्रांति पर त्रिवेणी संगम में करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। साधु-संतों ने पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन किया।
26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ मेला
मकर संक्रांति पर त्रिवेणी संगम में करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। साधु-संतों ने पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन कर उपस्थित श्रद्धालुओं को मोहित कर दिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि भालेबाजी और तलवारबाजी से लेकर पूरे जोश में ‘डमरू' बजाने तक, उनके प्रदर्शन सदियों पुरानी परंपराओं का जीवंत उदाहरण थे। पुरुष नागा साधुओं के अलावा, महिला नागा संन्यासी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहीं। महाकुम्भ मेला 26 फरवरी तक चलेगा।