''मैं यह तस्वीरें और स्क्रीनशॉट भी...'' राजा भैया की बेटी ने खोला मोर्चा, पेश किए ये सबूत
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 03:32 PM (IST)

Raja Bhaiya News: जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का घरेलू विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है। अब उनकी बेटी भी इस मामले में आ गई है और राजा भैया के खिलाफ मोर्चा खोला है। दरअसल, हाल ही में उनकी पत्नी भानवी सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक ऐसा पोस्ट डाला था, जिसने हड़कंप मचा दिया। भावनी सिंह ने इस पोस्ट में साथ राजा भैया पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। अब ये मामला बढ़ गया है और उनकी बेटी राघवी कुमार ने भी एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर अपनी मां का समर्थन किया है।
राघवी ने पेश किए सबूत
बता दें कि कुछ दिन पहले भानवी सिंह ने एक पोस्ट में राजा भैया के खिलाफ आरोपों की बरसात की थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि 'मुझे पीटा गया. मेरी हड्डियां टूटीं। मेरे फेफड़ों में जख्म हुए, मैं सब बर्दाश्त कर लेती अगर एक उम्मीद होती कि शायद ये सुधर जाएंगे।' अब उनकी बेटी राघवी कुमार भी अपनी मां के समर्थन में आई है और उसने एक्स पर कुछ ऐसे सबूत पेश किए है, जिनके बाद हड़कंप मच गया। उसने इस पोस्ट में सबूत पेश कर कहा कि यह व्यक्ति खुद स्वीकार कर रहा है कि मेरी मां के फर्जी हस्ताक्षर इस्तेमाल किए गए हैं।
मैं यह तस्वीरें और एक स्क्रीनशॉट भी सबूत के तौर पर साझा कर रही हूँ, जिसमें यह व्यक्ति खुद स्वीकार कर रहा है कि मेरी माँ के फर्जी हस्ताक्षर इस्तेमाल किए गए हैं। यह व्यक्ति दो साल पहले हमारे घर आया था और मेरी माँ की मदद के लिए बस्ती से आए स्टाफ को धमका रहा था। यह सिर्फ उस दिन की… pic.twitter.com/UByzrlqDrc
— Raghavi Kumari (@RaghaviBhadri) May 26, 2025
देखिए राघवी का पोस्ट...
''मैं यह तस्वीरें और एक स्क्रीनशॉट भी सबूत के तौर पर साझा कर रही हूँ, जिसमें यह व्यक्ति खुद स्वीकार कर रहा है कि मेरी माँ के फर्जी हस्ताक्षर इस्तेमाल किए गए हैं। यह व्यक्ति दो साल पहले हमारे घर आया था और मेरी माँ की मदद के लिए बस्ती से आए स्टाफ को धमका रहा था। यह सिर्फ उस दिन की कहानी नहीं है, यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से चल रहा है। मेरी माँ ने 30 साल तक सब कुछ सहन किया, घरेलू हिंसा, अपमान, धोखा, विश्वासघात, यहाँ तक कि स्वास्थ्य पर हुए स्थायी नुकसान, लेकिन उन्होंने कभी इसे सार्वजनिक नहीं किया।
गवाहों को धमकाया जा रहा है, यूपी पुलिस खुद स्वीकार कर रही है कि एफआईआर बेबुनियाद है लेकिन हाई-प्रोफाइल मामला होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं कर रही, तब हमारे पास सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। मैं रोज़ अपनी माँ को इस मानसिक और शारीरिक यातना में टूटते हुए देखती हूँ, और मेरा दिल दुखी हो जाता है। क्या इस सरकार से इतनी भी उम्मीद नहीं कि वह अवैध एफआईआर, सत्ता के दुरुपयोग और महिला पर हो रहे अत्याचारों को रोके? कब हमें निष्पक्ष सुनवाई और न्याय मिलेगा? यह लड़ाई पैसा, संपत्ति या अहंकार की नहीं, सिर्फ जीने के अधिकार, आत्मसम्मान और न्याय की लड़ाई है। मैं हाथ जोड़कर सरकार, प्रशासन और समाज से अपील करती हूँ: कृपया अब तो सुनिए, कृपया अब तो हस्तक्षेप कीजिए। एक बेटी की पुकार को सुना जाए।''