क्रिकेटर शमी की पत्नी हसीन जहां बोलीः न्याय मिलने तक न तो रुकूंगी और न ही झुकूंगी
punjabkesari.in Sunday, Jul 23, 2023 - 06:03 PM (IST)

मुरादाबाद: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर शमी अहमद की पत्नी हसीन जहां ने कहा है कि मुझे न रुकना है न झुकना है। न्याय मिलने तक संघर्ष करती रहूंगी। वर्ष 2023 ने उम्मीद की किरण जगाई है। मुझे भरोसा है कि न्यायपालिका का परिणाम मेरी जिंदगी की दिक्कत दूर करेगा। पांच साल से सामाजिक पीड़ा, निजी दिक्कत और परवरिश के लिए समय से जंग लड़ रही हसीन जहां को इस बात का दृढ भरोसा है।
भरण-पोषण प्रकरण में अपने पक्ष में निर्णय से उत्साहित हूं
शनिवार को जोया नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रहे शमीम अहमद के आवास पर हसीन जहां ने अपने संकल्पों की सिलसिलेवार चर्चा की। दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, गुजर-बसर के लिए आर्थिक मदद, साइबर क्राइम तथा चेक बाउंस संबंधी मुकदमों की चर्चा की। कहा कोर्ट में सुनवाई लंबित है। भरण-पोषण प्रकरण में अपने पक्ष में निर्णय से वह उत्साहित हैं। पश्चिम बंगाल के अलीपुर कोर्ट की लड़ाई से अपने संकल्पों की चर्चा शुरू करती हैं।
कागजों में जो दावे हैं, वह सच्चाई के घरातल पर नजदीक नहीं
पांच साल से न्याय की लड़ाई में दर-बदर हसीन जहां कहतीं हैं कि कागजों में जो दावे हैं, वह सच्चाई के घरातल पर नजदीक नहीं है। उन्हें हासिल करने में संघर्ष बहुत है। लेकिन हम इस लड़ाई को भरोसे के साथ लड़ रहे हैंष न्याय मिलने तक हर चौखट तक जाऊंगी। कहती हैं कि सस्ता और सुलभ न्याय के दावों वाले इस दौर की लड़ाई में कदम-कदम पर रुकावटों से लड़ना पड़ रहा है। 2019 में दाखिल याचिका चार साल तक जस की तस पड़ी रही। यह कहने में जितना आसान है, उतना ही सुनना और समझना कठिन है।
5 साल से एक महिला अपने और बेटी के हक, गुजर-बसर और जिंदगी के लिए लड़ रही
हसीन कहती हैं कि मई में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। एक माह में सुनवाई के आदेश हुए हैं। कोर्ट की कॉपी मिल गई है। अधिवक्ता के जरिए जल्द न्याय की फरियाद करेंगे। वह कहतीं हैं कि पांच साल से एक महिला अपने और बेटी के हक, गुजर-बसर और जिंदगी के लिए लड़ रही है। यह आसान नहीं है। महिला सुरक्षा और अधिकार की वकालत आसान है। जिम्मेदार मेरी पीड़ा समझते तो कदाचित मेरा हौसला और बढ़ जाता।
मेरा भी प्रण है कि न्याय लेकर ही रहूंगी
वह कहतीं हैं कि लाचार महिला आर्थिक और सामाजिक जंग लड़ रही है। दुनिया इसकी तमाशबीन है। लेकिन, मेरा भी प्रण है कि न्याय लेकर ही रहूंगी। घर से बेदखल करने 'बाद साइबर अपराध की मदद से भी मुझ पर जुल्म ढाए गए हैं। लेकिन मैं अब और हौसले के साथ अपनी लड़ाई लडूंगी। मुझे मालूम है कि आपराधिक सोच वालों से हमारी लड़ाई है।