IIT कानपुर और वियतनाम यूनिवर्सिटी ने मिलाया हाथ, दोनों संस्थान के छात्र, शिक्षा और शोध में मिलकर करेंगे काम

punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 02:51 AM (IST)

Kanpur News: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी) और वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी (वीएनयू) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों संस्थान विज्ञान और इंजीनियरिंग के कई उभरते क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। यह साझेदारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग चिकित्सा जांच, अस्पताल प्रबंधन, भाषा सीखने की तकनीक, इमारतों की गुणवत्ता की जांच, स्मार्ट सिटी विकास, नए प्रकार की सामग्री की खोज और निर्माण, और ड्रोन तकनीक जैसे क्षेत्रों में मिलकर शोध और विकास के लिए रास्ता खोलेगी। इसका उद्देश्य दोनों संस्थानों की विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए व्यावहारिक समाधान विकसित करना है, जिससे दोनों देशों को लाभ हो।

संस्थान की उपलब्धियों की सराहना
बता दें कि वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी, हनोई के वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल ने आईआईटी कानपुर का दौरा किया। इस शिष्टमंडल का नेतृत्व उप-रेक्टर डॉ. गुयेन थू हुओंग, सिविल इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रोफेसर गुयेन दिन्ह डुक, और व्याख्याता डॉ. ट्रान क्वोक कुआन ने किया। प्रतिनिधिमंडल ने आईआईटी कानपुर की उन्नत प्रयोगशालाओं, शोध सुविधाओं, और शैक्षणिक वातावरण का अवलोकन किया और संस्थान की उपलब्धियों की सराहना की।

आईआईटी कानपुर इन क्षेत्रों में पहले से अग्रणी
इस मौके पर प्रोफेसर गुयेन दिन्ह डुक ने कहा, “आईआईटी कानपुर की अत्याधुनिक शोध प्रणाली हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत है। इस सहयोग से शिक्षा और अनुसंधान में कई नई संभावनाएं जन्म लेंगी।” आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि वियतनाम सतत ऊर्जा और पर्यावरण इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और आईआईटी कानपुर इन क्षेत्रों में पहले से अग्रणी है। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थान मिलकर वैश्विक स्तर के व्यावहारिक समाधान तैयार कर सकते हैं।

इस समझौते की नींव जून 2025 में रखी गई थी
डीएनआरडी (डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट) प्रो. बुशरा अतीक ने इस साझेदारी को छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए नए अवसरों का द्वार बताया। उन्होंने कहा कि यह सहयोग ज्ञान के आदान-प्रदान और संयुक्त परियोजनाओं के ज़रिए भारत और वियतनाम के बीच शैक्षणिक संबंधों को सशक्त करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सहयोग केवल शिक्षा और शोध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नवाचार और तकनीकी विकास में भी दीर्घकालिक सहयोग का आधार बनेगा। यह साझेदारी एशिया में उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नया परिदृश्य तैयार कर सकती है। गौरतलब है कि इस समझौते की नींव जून 2025 में रखी गई थी, जब आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आशीष गर्ग ने वियतनाम का दौरा कर संभावित सहयोग पर विचार-विमर्श किया था।


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Content Editor

Mamta Yadav

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