हत्याकांड व डकैती के 26 साल पुराने मामले में कोर्ट ने 2 आरोपियों को दी उम्र कैद की सजा, 50 हजार का लगाया जुर्माना

punjabkesari.in Thursday, Feb 23, 2023 - 10:12 AM (IST)

फिरोजाबाद (अरशद अली): उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 11 रवीन्द्र कुमार ने 26 वर्ष पुराने चौहरे हत्याकांड और डकैती के दो आरोपियों को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 50-50 हज़ार रुपये जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। जुर्माने की धनराशि से 10-10 हज़ार रुपये चारों मृतकों के आश्रितों को दिया जाएगा।

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बता दें कि यह पूरा मामला थाना एका के गांव मधीपुरा का है। जहां पर वादी निहाल सिंह और उसके परिजन 03 जुलाई 1994 को अपनी अपनी चारपाइयों पर सो रहे थे। करीब 12 बजे रात बलबीर सिंह पुत्र हरदयाल सिंह बंदूक व उसका भाई रनवीर सिंह राइफल, बलवीर सिंह का लड़का श्यामपाल, पुत्तू सिंह के लड़के विजयपाल, उदयपाल तथा नगला बलुआ निवासी एदल सिंह, साला बालवीर सिंह हाथों में कट्टे बंदूक लेकर आए। आते ही उन लोगों ने ताबडतोड फायरिंग कर नवल सिंह, अखिलेश, राम भेजी व बाला श्री को गोलियां मारी, जिससे चारों की मौके पर मौत हो गई। नारायन सिंह, अरविंद, कुमारी शैलेन्द्री गोलियां लगने से घायल हो गए। आरोपियों द्वारा निहाल सिंह, नारायण सिंह व नवल सिंह के घरों में घुसकर जेवरात, कपड़ा, नगदी लूट लिए। शोर होने पर पड़ोसी अभय सिंह, राकेश, रतन सिंह, ओमपाल सिंह ने घटना देखी और आरोपियों को ललकारा तब वे फायर करते हुए चले गए। मृतका राम भेजी साढ़े आठ महीने से गर्भवती थी।

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शासन ने CBCID को रेफर की थी विवेचना
इस वारदात की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने सभी 6 आरोपियों के विरुद्ध हत्या सहित डकैती का अभियोग दर्ज कर विवेचना की। सभी आरोपी फरार होने के कारण सभी के विरुद्ध फरारी में आरोप पत्र दाखिल किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए शासन ने विवेचना CBCID को रेफर की गई, लेकिन इस एजेंसी द्वारा विवेचना होने पर भी कोई भी आरोपी गिरफ्त में नहीं आ सका। जिससे सीबीसीआईडी ने भी सभी 6 आरोपियों के विरुद्ध फरारी में आरोप पत्र न्यायालय के सामने पेश किया।

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कोर्ट ने सुनाई आरोपियों को सजा
नामजद आरोपियों में 3 की मौत हो चुकी है और एक आरोपी उदयपाल अभी भी फरार चल रहा है। दो आरोपी श्यामपाल सिंह पुत्र बलवीर सिंह और विजयपाल सिंह पुत्र पुत्तू लाल पर न्यायालय ने आरोप लगाया। आरोपियों ने आरोप से इनकार करते हुए सत्र परीक्षण की मांग की। वहीं, CBCID के सरकारी अधिवक्ता विनोद कुमार और विशेष शासकीय अधिवक्ता ललित बघेल ने शासन की ओर से पैरवी की। दोनों आरोपियों की पत्रावली में 27 गवाहों ने गवाही दी। उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम नज़ीर पेश की गई। न्यायाधीश रविन्द्र सिंह ने पत्रावली पर उपलब्ध तमाम साक्ष्य एवं गवाहों के बयानों का गहनता से अध्ययन करने के बाद दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा खुले न्यायालय में सुनाई।


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Content Editor

Pooja Gill

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