Blind Murder Revealed: प्यार के पागलपन में खुद ही सीने पर युवक ने मारी थी गोली, चश्मदीद नौकर के बयान से सुलझी गुत्थी
punjabkesari.in Saturday, May 20, 2023 - 05:41 PM (IST)

हरदोई: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हरदोई (Hardoi) के लोनार इलाके में गोली लगने से युवक (Youth) की मौत मामले (Death Case) का पुलिस (Police) ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस के मुताबिक प्रधान के रिश्तेदार की गोली मार कर हत्या नहीं की गई थी बल्कि उसने प्यार में पागल होकर खुद ही खुद को गोली से उड़ा लिया था। एसपी राजेश द्विवेदी ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए कहा है कि प्रधान का नौकर इस सारे मामले का चश्मदीद था और उसी की गवाही के अलावा जो क्लू हाथ लगे हैं उससे पता चला है कि प्यार में ऐसा कदम उठाया गया।
बता दें कि 11 मई की सुबह लोनार थाने के बरवन निवासी और मझिगवां कुलिया के प्रधान रामवीर सिंह का रिश्तेदार नारायण सिंह निवासी जगसरा थाना अतरौली का शव गांव के बाहर खून से लथपथ खेत में पड़ा हुआ था। इस मामले में नारायण के बहनोई सौरभ सिंह ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 302 का मामला दर्ज कराया था। वारदात का पता होते ही एसपी राजेश द्विवेदी, एएसपी पश्चिमी दुर्गेश कुमार सिंह और सीओ हरपालपुर सत्येन्द्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और वारदात से जुड़े पहलुओं पर गहराई से छानबीन की। उसके बाद एसपी के निर्देश पर इसके खुलासे के लिए पुलिस की टीमें तैयार की गई और इलाकाई पुलिस के अलावा एसओजी, सर्विलांस और स्वाट टीम को भी लगाया गया था।
एसपी श्री द्विवेदी ने ब्लाइंड मर्डर का शनिवार को खुलासा करते हुए कहा कि नारायण सिंह एक-तरफा प्यार में पागल था। वह 10 मई की रात को खेत पर काम कर रहे नौकरों के लिए खाना ले कर गया हुआ था। वहां काम कर रहे नौकर लल्ला निवासी शेखपुर थाना हरपालपुर ने पुलिस को बताया था कि उसने नारायण को खुद से गोली मारते हुए देखा था, लेकिन इस मामले में कहीं उसका नाम न आ जाए, जिसके डर से वह भाग गया था। पुलिस ने नौकर की गवाही और गांव वालों से हुई पूछताछ के बाद ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर लिया गया है।
एसपी ने बताया कि नारायण ने जिस तमंचे से खुद को गोली मारी थी, उसे रेत के नीचे से बरामद कर लिया गया है। उस तमंचे में कारतूस का खोखा फंसा हुआ मिला। रामवीर सिंह मझिगवां कुलिया के प्रधान हैं और उनका बेटा लटूरी ग्राम पंचायत का कामकाज संभालता है। नारायण सिंह भी लटूरी के साथ में रहता था। ग्राम पंचायत के पुरवा-मजरों में आने-जाने के बीच नारायण और वहां की एक युवती के बीच ऐसी दोस्ती हुई कि नारायण उसके ऊपर जान छिड़कने लगा। इतना ही नहीं उसने प्यार की निशानी के तौर पर अपनी प्रेमिका को अगूंठी भी दी थी, लेकिन उसके बाद दोनों दूर तो हो गए लेकिन फिर भी नारायण की चाहत कम नहीं हुई। दिन हो या रात नारायण प्यार के बाद इंकार करने वाली अपनी प्रेमिका के ख्वाबों-ख्यालों में डूबा रहता था और उसी के चलते उसने खुद की ज़िंदगी खत्म कर ली।